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Naxali In Chhattisgarh: नक्सलमुक्त इस जिले में फिर हुई नक्सलियों की दस्तक ! सूचना ने उड़ा दी पुलिस की नींद 

Naxalites In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में तीन साल पहले जिस जिले को नक्सल मुक्त घोषित किया गया था, वहां अब फिर से नक्सलियों की मौजूदगी की खबर है. सूचना के बाद पुलिस सतर्क हो गई है. 

Naxali In Chhattisgarh: नक्सलमुक्त इस जिले में फिर हुई नक्सलियों की दस्तक ! सूचना ने उड़ा दी पुलिस की नींद 
नक्सलियों की सूचना के बाद सतर्क हुई पुलिस.

Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक बार फिर से नक्सलियों की मौजूदगी की खबर है. इस जिले को तीन साल पहले नक्सल मुक्त जिला घोषित किया था. लेकिन अब फिर से नक्सलियों के दस्तक की सूचना ने पुलिस विभाग की नींद उड़ा दी है.अब पुलिस भी चौकन्नी होकर इलाके की छानबीन कर रही है. हालांकि पुलिस ने अभी नक्सल मौजूदगी की पुष्टि नहीं की है. 

दरअसल बालोद जिले के ग्राम कुमुड़कट्टा के पास तिराहा में लगभग 11.30 बजे रात्रि को 9 संदिग्ध लोग नजर आए. जिनमें दो महिलाएं भी थी. कुछ लोग  अपने पास हथियार भी रखे हुए थे. कुछ साल पहले इस क्षेत्र को नक्सली क्षेत्र माना जाता था. नक्सलियों ने यहां कई घटनाओं को अंजाम दिया है. ऐसे में अब संदिग्ध लोगों की जानकारी मिलते ही पुलिस इस क्षेत्र में सक्रिय हो गई है. पुलिस ने इस क्षेत्र में सर्चिंग बढ़ा दी है और एहतियात भी बरत रहे है. 

पुलिस अब  पता लगाने के प्रयास में है कि वो संदिग्ध लोग आखिर कौन थे? उनका उद्देश्य क्या था और किस तरफ गए? भले ही पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है कि संदिग्ध लोग कौन हैं,लेकिन इस क्षेत्र में पिछले कुछ साल पूर्व के तमाम परिस्थितियों को देखते हुए संदिग्धों की जानकारी मिलते हि पुलिस इस मामले में गंभीरता दिखा रही है. 

 क्षेत्र में सक्रिय रह चुके नक्सली

बालोद जिला दुर्ग जिले के अंतर्गत आता था. जिसके बाद में 2012 बालोद को अलग जिले का दर्जा मिला. लेकिन इससे पहले बालोद जिले के दल्लीराजहरा, डौंडी, महामाया, डौंडीलोहारा, गुरुर एवं चौकी संजारी पिनकापार को नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में शामिल किया जा चुका था.  2 मार्च 2008 को महामाया माइंस में 1750 किलो बारूद ले जा रही बीएसपी की गाड़ी को 25 से 30 वर्दीधारी नक्सलियों ने लूट लिया था.  इसी क्षेत्र के जंगल में सर्चिंग कर रहे जवानों को नुकसान पहुंचाने टिफिन बम विस्फोट कर चुके हैं. 

23-24 दिसम्बर 2010 के दरमियानी रात को 20 से 25 वर्दीधारी नक्सलियों ने ग्राम नलकसा के राम भरोसा दुग्गा की हत्या कर दी थी।.बालोद जिले के  गुंडरदेही निवासी हरिशंकर गेड़ाम पर नक्सलियों को वर्दी टोपी और अन्य सामग्रियों के सप्लाई करने का आरोप लगा था. एक को पकड़ा भी था. 

जिसके पास से 395 राउंड कारतूस 303 और  एके 47 एसएलआर हथियारों के कारतूस मिले थे। जिले डौंडी और महामाया क्षेत्र में पुलिस के जवानों ने सर्चिंग अभियान के दौरान IED और टिफिन बम डिफ्यूज किया था. जिसके बाद से जिले में कोई नक्सली वारदात या सक्रियता की सूचना नहीं मिली थी.

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नक्सलमुक्त जिला घोषित हुआ 

बालोद जिले में लगातार कुछ वर्षो तक लाल आतंक के सक्रिय नहीं होने के बाद केंद्र सरकार की एजेंसी सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर (SRE) ने 01 जुलाई 2021 को बालोद जिला को नक्सल मुक्त जिला घोषित किया था.

3 बाद फिर आमद की सूचना 

 3 साल के बाद जिले में फिर एक बार नक्सली आमद की सूचना मिली है. मामले की जानकारी के बाद पुलिस ने महामाया क्षेत्र में बढ़ाई सुरक्षा बढ़ा दी है . छत्तीसगढ़ के सक्रिय नक्सल क्षेत्र कांकेर, पूर्व में राजनांदगांव तथा वर्तमान में मानपुर जिले से लगा होने के कारण इस क्षेत्र के अलावा गुरुर ब्लाक के वनांचल क्षेत्रो में नक्सली आमद की खबरे सामने आती हैं. लेकिन इस पूरे मामले को लेकर अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है. 

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