
Anti Naxal Operation News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर में नक्सलियों (Bijapur Naxal Encounter) के खिलाफ बीजापुर जिले में सघन और व्यापक ऑपरेशन पुलिस की ओर से चलाया जा रहा है. सबसे पहले मनकेली इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर निकले जवानों से नक्सलियों की भीषण मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में जवानों ने नक्सलियों के 8-8 लाख के तीन इनामी नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली.
मुठभेड़ में ये नक्सली हुए ढेर
- 1. हिड़मा पोड़ियाम उम्र 34 वर्ष निवासी बेडसेट इन्द्रावती क्षेत्र, पदनाम-पीपीसीएम कंपनी नम्बर 2, प्लाटून नम्बर 1 का सदस्य, इनाम 8.00 लाख रुपये.
- 2. मुन्ना मड़कम उम्र 25 वर्ष निवासी कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा, पदनाम- कंपनी नम्बर 2, प्लाटून नम्बर 1 का सदस्य, इनाम 8.00 लाख रुपये.
- 3. अरुण मड़काम उम्र 35 वर्ष निवासी एंटापाट थाना चिंतागुफा जिला सुकमा, पदनाम – सीवायपीसी ( DVCM) मिलिट्री कंपनी नम्बर 2, इनाम 8.00 लाख रुपये.
ये हथियार हुए बरामद
दरअसल, बीजापुर के डीआरजी जवानों ने सटीक इनपुट के आधार पर यह पूरा ऑपरेशन चलाया था. मुठभेड़ में मारे नक्सलियों के बाद मुठभेड़ स्थल पर सर्च अभियान चलाया गया, तो मुठभेड़ स्थल से एक 12 बोर, 3 जिंदा राउण्ड, 1 बीजीएल लांचर, 9 सेल, स्केनर सेट, सोलर प्लेट, पीटठू, माओवादी साहित्य, दवाइयां और नक्सल सामग्री भी बरामद हुई.
इस इलाके से 07 नक्सली गिरफ्तार भी हुए
थाना मोदक पाल और थाना बासागुड़ा पुलिस की अलग-अलग कार्यवाहियों में डीआरजी की संयुक्त टीम ने सात सक्रिय माओवादियों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक माओवादी गुड्डू कुड़ामी उर्फ पोकड़ी, जिस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था, शामिल है. वह पंगुड़ आरपीसी का मिलिशिया कमांडर बताया जा रहा है.
इन नक्सलियों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने सर्चिंग अभियान के दौरान माओवादियों के पास से विस्फोटक सामग्री, बिजली के तार, कार्डेक्स वायर, सेफ्टी फ्यूज, पावर सोर्स बैटरी, जमीन खोदने के औजार तथा शासन विरोधी प्रचार-प्रसार की सामग्री जब्त की है. गिरफ्तार आरोपियों में इरपा कोसा, रेंगो पिड़गा, सन्ना कारम, कोसा उर्फ राजू, रेंगो गुट्टा और जोगो हेमला शामिल हैं, जो सभी बासागुड़ा थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांवों के निवासी हैं.
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सुरक्षा बलों का कहना है कि इन गिरफ्तारियों से क्षेत्र में सक्रिय माओवादी तंत्र को बड़ा नुकसान पहुंचा है. लगातार चल रही इस तरह की कार्रवाई से माओवादियों के मनोबल पर असर पड़ रहा है और संगठन के नेटवर्क को तोड़ने में सुरक्षाबलों को सफलता मिल रही है.