Anti Naxal operation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सल मुठभेड़ में माओवादियों पर बड़ा प्रहार करते हुए जवानों ने लगभग 9 नक्सलियों को मार गिराया है और मौके से AK47 जैसे हथियार के साथ बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और अन्य सामान बरामद करने में सफलता हासिल की है. सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि अबूझमाड़ और महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाके में माओवादियों की एक बड़ी टीम एकत्रित हो रही है. पुख्ता जानकारी के आधार पर सोमवार को ही डीआरजी (DRG) और एसटीएफ (STF) की संयुक्त टीम (Joint Team) को पूरी रणनीति के साथ मौके के लिए रवाना किया गया था. उसके बाद मंगलवार 30 अप्रैल की सुबह लगभग 6 बजे जैसे ही जवान सटीक लोकेशन पर पहुंचे. तो माओवादियों ने जवानों को देखकर अचानक उन पर फायरिंग शुरू कर दी. जवान पहले से ही इस हमले के लिए तैयार थे और वे सटीक जवाबी कार्यवाही करने लगे. इस एंटी नक्सल ऑपरेशन में कई नक्सलियों की मौत हो जबकि कुछ घायल हो गए. अभी भी सघन सर्च अभियान चलाया जा रहा है. आइए जानते हैं क्यों और कैसे छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक नक्सलियों के हौंसले तोड़े जा रहे हैं.
मोदी-शाह का दो टूक : आत्मसमर्पण करो या खत्म कर दिए जाओगे
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह अक्सर अपनी सभाओं और इंटरव्यू में यह कहते रहते हैं कि आने वाले 2 साल में नक्सलवाद को समाप्त कर देंगे. मोदी जी के तीसरे टर्म में नक्सलवाद से पूर्ण मुक्त होगा छत्तीसगढ़, ये मोदी की गारंटी है.
हाल ही में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में विशाल जनसभा को संबोधित करते गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, "कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण नक्सलवाद का पालन पोषण किया. 2014 में मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने, 10 वर्ष के अंदर पूरे देश से नक्सलवाद समाप्त हुआ. लेकिन छत्तीसगढ़ में बच गया क्योंकि यहां भूपेश कका की पंजा छाप सरकार थी. जब आपने विष्णुदेव साय को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया. 4 महीने के अंदर ही प्रदेश से 90 नक्सलियों को समाप्त किया, 123 लोग अरेस्ट किए गए और सवा दो सौ लोग हथियार छोड़कर शरण में आए."
पिछले चार महीने में दिखी बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ में राज्य और केंद्रीय गृहमंत्री लगातार समझाइश और चेतावनी दे रहे हैं. विधानसभा चुनाव के पहले से ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लगातार यह बयान दे रहे थे कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने से चुटकियों में माओवाद को समाप्त कर देंगे. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी केंद्रीय गृहमंत्री ने माओवादियों को दो टूक में मैसेज दे दिया था कि समर्पण करके मुख्यधारा में लौट आएं वरना हम सब समाप्त कर देंगे. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते हुए केंद्रीय गृहमंत्री के बयान को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू भी कर दिया गया जिसका परिणाम आज सबके सामने है.
टीसीओसी में अब नक्सलियों को ही घेरा जा रहा है
माओवादियों के कैलेंडर में अलग-अलग समय पर अलग-अलग अभियान चलाए जाते हैं. जिसमें शहीदी सप्ताह, पीएलजीए स्थापना दिवस, महिला दिवस और टीसीओसी जैसे कार्यक्रम व अभियान होते हैं. इसमें टीसीओसी मतलब टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन जिसमें माओवादी जंगलों जवानों पर बड़ा हमला करने के लिए जाने जाते हैं.
केवल मार्च और अप्रैल महीने में ही बीजापुर के चिपुरभट्टी में 6, कोरचोली में 13, अबूझमाड़ के हापाटोला में 29 और आज टेकमेटा में 9 माओवादियों के मार कर एलएमजी और AK47 जैसे अत्याधुनिक हथियार और शव भी बरामद किए गए हैं. अब तक मारे गए माओवादियों पर करोड़ से अधिक का इनाम घोषित था और लगातार हो रहे नुकसान का असर इस तरह भी देखने को मिला है कि माओवादी लगातार संगठन छोड़ कर बस्तर और पड़ोसी राज्यों में जाकर समर्पण कर रहे हैं.
सभी जवानों के परिश्रम से मिल रही सफलता- बस्तर IG
एक महीने में ही लगभग 50 माओवादियों को मारकर बड़े हथियार बरामद करने पर बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि आज के मुठभेड़ में भले ही डीआरजी और एसटीएफ की टीम को सफलता मिली है पर यह सफलता बस्तर में तैनात सभी सुरक्षाबल की है जिसमें डीआरजी, एसटीएफ, सीआरपीएफ, कोबरा, आईटीबीपी और बीएसएफ शामिल हैं. सभी के परिश्रम से यह सफलता मिल रही है. सभी सुरक्षाबल लगातार अंदरूनी इलाकों में कैम्प स्थापित करने के साथ साथ ग्रामीणों में सुरक्षा और विकास के प्रति भरोसा स्थापित कर रहे। इसी वजह से अब माओवादियों से संबंधित और भी ज्यादा सटीक जानकारी मिल रही और जवान माओवादियों को उनके ही गढ़ में घुसकर उन्हें निशाना बना रहे हैं.
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