मां की साड़ी को फंदा बना कर लटक गया ! धमतरी में 9वीं क्लास के छात्र ने स्कूल में की खुदकुशी

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां के रूद्री स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में नौवीं क्लास के एक छात्र ने स्कूल परिसर में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. छात्र ने स्कूल परिसर में बने शौचालय के अंदर फांसी लगाई है. जैसे ही ये बात बाहर आई हड़कंप मच गया.

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Suicide in Dhamtari: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां के रूद्री स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में नौवीं क्लास के एक छात्र ने स्कूल परिसर में ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. छात्र ने स्कूल परिसर में बने शौचालय के अंदर फांसी लगाई है. जैसे ही ये बात बाहर आई हड़कंप मच गया. आनन-फानन में छात्र को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. चौंकाने वाली बात ये है कि उसने जिस कपड़े से फांसी लगाई वो किसी और की नहीं बल्कि उसकी मम्मी की साड़ी ही थी. स्कूल के प्राचार्य के मुताबिक समीर उसे साथ ही लेकर आया था.छात्र ने फांसी क्यों लगाई इसकी वजह अज्ञात है.

धमतरी: इसी साइकिल से समीर साहू स्कूल आया था पर अब वो इस दुनिया में नहीं है.

छात्र का नाम समीर साहू और वो भोयाना गांव का रहने वाला था. उसकी उम्र 15 साल बताई जा रही है. सुबह वो समय पर अपनी साइकिल से स्कूल पहुंचा था. स्कूल परिसर में साइकिल खड़ा करने के बाद वो क्लास में नहीं गया. वो हाजिरी के समय भी अनुपस्थित रहा. शुरु में इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. बाद में जब स्कूल के ही एक शिक्षक शौचालय के लिए गए तो देखा कि उसका दरवाजा अंदर से बंद था. थोड़ी देर के बाद जब वे फिर से शौचालय में गया तो देखा वो दरवाजा अब भी बंद है. दरवाजा खटखटाने पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो उन्हें शक हुआ. उन्होंने तुरंत ही दूसरे स्टॉफ को मामले की सूचना दी. मौके पर स्कूल के प्राचार्य रामकुमार साहू भी पहुंचे. जिसके बाद स्कूल स्टॉफ की सहायता से दरवाजा तोड़ा गया. जिसके बाद पता चला की समीर साहू ने अंदर फांसी लगा ली है. तत्काल ही इसकी सूचना पुलिस को दी गई और एंबुलेंस को बुलाया गया. मौके में पहुंची पुलिस ने छात्र को फंदे से नीचे उतरा और जांच की कराई. 
स्कूल के प्राचार्य के मुताबिक समीर ने इसी साल स्कूल में नौवीं कक्षा में एडमिशन लिया था. वो हमेशा से गुमशुम रहता था.  वो क्लास में भी किसी से बात नहीं करता था. यहां तक की लंच के समय भी वो अकेले ही अपना खाना खाता था. किसी और छात्र से दोस्ती करने से भी वो कतराता था. 

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डिस्कलेमर: जीवन अनमोल है. किसी भी परिस्थिति में अपनी जिंदगी को खत्म कर लेना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. जिंदगी जीने का ही नाम है. अपने माता-पिता और शिक्षकों से अपनी समस्या साझा करें. खुदकुशी किसी समस्या का समाधान नहीं है.

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