Good News: गेहूं की कीमतों में आएगी कमी, केंद्र सरकार ने लिया ये फैसला

Wheat Stock Limit: केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके बाद गेंहू और आटे की बढ़ती कीमतों में जल्द ही गिरावट आ सकती है. सरकार ने गेंहू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ये कदम उठाया है.

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Wheat Stock Limit: केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा बुधवार को खुदरा और रिटेल व्यापारियों के लिए गेहूं भंडारण की सीमा (Wheat Stock Limit) को घटा दिया है. यह कदम गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार द्वारा निरंतर किए जाने वाले प्रयासों का हिस्सा है. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, थोक व्यापारियों के लिए गेहूं के भंडारण की सीमा 2,000 मीट्रिक टन से घटाकर 1,000 मीट्रिक टन कर दी गई है, जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए इसे 100 मीट्रिक टन से घटाकर 50 मीट्रिक टन कर दिया गया है. निचली भंडारण सीमा का उद्देश्य जमाखोरी को रोकना है, जिससे पर्याप्त गेहूं उपलब्ध होने के बावजूद कीमतें बढ़ जाती हैं.

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सरकार ने क्या कहा?

सरकार द्वारा कहा गया कि गेहूं का भंडार करने वाली संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा और प्रत्येक शुक्रवार को भंडारण की जानकारी अपडेट करना आवश्यक है.

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आधिकारिक बयान में कहा गया कि कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या भंडार सीमा का उल्लंघन करती है, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई के अधीन होगी. साथ ही बताया कि यदि उपरोक्त संस्थाओं का गेहूं भंडार उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक हैं, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे भंडारण की निर्धारित सीमा में लाना होगा.

खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों पर यह सीमा लागू की है. सरकारी बयान के मुताबिक, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के भंडारण की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है. रबी 2024 के दौरान कुल 1,132 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है.

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