
Hindenburg Case: बाजार नियामक सेबी (Market Regulator SEBI) की पूर्व चीफ माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) को लोकपाल ने क्लीन चिट दे दी है. भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की जांच करने वाली संस्था लोकपाल ने माधबी के खिलाफ अनुचित व्यवहार और हितों के टकराव का आरोप लगाने वाली शिकायतों को खारिज कर दिया है. लोकपाल ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप निराधार हैं और कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले हैं.
शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त, 2024 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में बुच और उनके पति के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इन आरोपों को अदाणी ग्रुप से भी जोड़ दिया था. उस दौरान बुच ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था और कहा था कि हिंडनबर्ग ने पूंजी बाजार नियामक की विश्वसनीयता पर हमला किया और साख को खराब करने वाला प्रयास बताया था. अदाणी ग्रुप ने भी इन आरोपों को निराधार बताया था.
लोकपाल ने क्या कहा
- लोकपाल ने बुधवार को अपने आदेश में कहा, ‘‘शिकायतों में लगाए गए आरोप अनुमानों और धारणाओं पर आधारित हैं और उसके पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं है. अपराध की कोई बात नजर नहीं आ रही.''
- लोकपाल चेयरपर्सन न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय पीठ ने आदेश में कहा कि इसको देखते हुए इन शिकायतों का निपटान किया जाता है.
- लोकपाल ने इस संबंध में पहले के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट को बुच के खिलाफ कार्रवाई बढ़ाने का एकमात्र आधार नहीं बनाया जा सकता.
- शिकायतकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से स्वतंत्र होकर आरोपों को स्पष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन हमारे विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकला कि वे प्रमाणिक नहीं हैं.
मोइत्रा समेत तीन लोगों ने की लोकपाल में शिकायत
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त, 2024 को एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा था कि बुच और उनके पति के पास कुछ विदेशी फंड में हिस्सेदारी है. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) समेत तीन लोगों ने लोकपाल में शिकायत की थी. वहीं, हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक ने इसी वर्ष जनवरी में कंपनी के बंद होने की घोषणा की थी.
इसी वर्ष पूरा हुआ बुच का कार्यकाल
बुच ने दो मार्च, 2022 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था. कार्यकाल पूरा होने के बाद वह 28 फरवरी को पद से हट गईं.