बीजेपी ने MP में क्यों उतारे हैवीवेट नाम? जानिए केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों को उतारने के मायने

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. जिसने सभी को चौंका दिया है. इसमें कई हैवीवेट नाम शामिल है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम शामिल है. अब सवाल ये है कि इसके मायने क्या हैं?

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Madhya Pradesh Assembly Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. इसमें 39 प्रत्याशियों के नाम हैं.इससे पहले 17 अगस्त को भी बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे. इसके साथ ही पार्टी ने 230 सीटों में से 78 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट बीजेपी (BJP's second list) कार्यकर्ता महाकुंभ को संबोधित करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भोपाल छोड़ने के कुछ ही घंटों बाद जारी की है.

चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें पार्टी ने अब तक अपने सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री  रहे शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का नाम तो शामिल नहीं किया है लेकिन कुछ बड़े नाम हैं जिनसे पार्टी अपने कई लक्ष्यों को साधना चाहती है.

इस लिस्ट से ये संकेत भी मिलता है कि बीजेपी अपने क्षेत्रीय नेताओं के बीच संतुलन बनाने पर ध्यान दे रही है. पार्टी ने अपनी दूसरी लिस्ट में सात लोकसभा सदस्यों और कैलाश विजयवर्गीय को उतारकर संदेश दे दिया है कि वो मुंख्यमंत्री के संभावित नामों का रेस खुला रखना चाहती है. अब जान लेते हैं कि इस लिस्ट में जिन हैवीवेट नामों को उतारा गया है उनके क्या समीकरण हैं. 

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पार्टी ने नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar)को मुरैना जिले के दिमनी से मैदान में उतारा गया है जो उनके लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा है. इसके अलावा पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल (Prahlad Singh Patel) के भाई जालम सिंह पटेल का टिकट काट दिया गया है. उनकी जगह पर पार्टी ने प्रह्लाद पटेल नरसिंहपुर से टिकट दिया है. सांसदों फगन सिंह कुलस्ते, गणेश सिंह, राकेश सिंह और रीति पाठक (Fagan Singh Kulaste, Ganesh Singh, Rakesh Singh and Reeti Pathak) को भी पार्टी ने मैदान में उतारा है.  बीजेपी की दूसरी लिस्ट में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) का नाम भी चौंकाता है. उन्हें इंदौर-1 से टिकट मिला है.

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इसके अलावा पार्टी ने जाट समुदाय के नेता और होशंगाबाद सीट से तीसरी बार सांसद उदय प्रताप सिंह को भी चुनावी मैदान में उतारा है.वे  जो अपने संसदीय क्षेत्र की गाडरवारा सीट से चुनाव लड़ेंगे. कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि पार्टी ने सीट टू सीट मार्किंग की है और हर हाल में एक भी सीट खोना नहीं चाहती. इन बड़े नेताओं को उतार कर पार्टी ने एंटी इनकंबैंसी को भी मात देने की कोशिश की है. वैसे बीजेपी ऐसा प्रयोग पहले भी बंगाल में कर चुकी है जिसका उसे फायदा मिला था. 

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