मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों में अब 3 महीने से भी कम का वक्त बचा है, सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों तैयारी करने में व्यस्त हैं.लेकिन कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी की व्यस्तता दो तरफा है. एक तरफ पार्टी को पूरे राज्य में मज़बूत करना है तो दूसरी तरफ खुद की सीट को भी बचानी है.दरअसल जीतू पटवारी राऊ से विधायक हैं जहां से बीजेपी ने इस बार 71 साल के मधु वर्मा को टिकट दिया है.मधु वर्मा भी इलाके में बेहद लोकप्रिय माने जाते हैं. माना जा रहा है कि वो 39 सीटें जो बीजेपी के लिये मुश्किल रही हैं वहां राऊ की सीट से बीजेपी ने एक तीर से दो शिकार किये हैं. एक तो जीतू पटवारी को घर में घेर लिया है और दूसरा कांग्रेस के इस किले में पहले सेंधमारी कर दी है. इन्हीं मुद्दों पर जीतू पटवारी से 15 बड़े सवाल पूछे हमारे स्थानीय संपादक अनुराग द्वारी ने --
1) क्या मधु वर्मा बड़ी चुनौती हैं,बीजेपी ने घर में घेर लिया है?
देखिये, जीतेगा तो जीतू ही.ये एक चुनौती है, अहंकार ग़लत है लेकिन चुनौती स्वीकार करना ज़रूरी है. मेरा पूरा राजनीतिक करियर ही इस विधानसभा में रहा है.मैं वहाँ नेता नहीं हूँ, मैं बेटा हूँ. कौन परिवार का ऐसा होता है जो बेटे को निराश करता है. मैं अपने परिवार की छोटी-छोटी चीज़ों का ध्यान रखता हूँ .
पूरे प्रदेश में सबसे अच्छी स्पोर्ट्स की सुविधा मेरी विधानसभा में ही है.
2) क्या कारण है जो 39 सीटें जो BJP मुश्किल मानती है उसमें एक सीट आपकी भी है. आपको ऐसा नहीं लगता कि आपको घेरने की तैयारी कर रही है BJP?
BJP का काम है उनको ये सब करना चाहिए और यह ज़रूरी भी है. मैं ऐसा नहीं मानता हूँ उनकी पार्टी अपना काम करती है.हम अपना काम करते हैं लेकिन हमारी विधानसभा वहाँ पार्टी नहीं है वहाँ परिवार है…वहाँ पार्टी से ऊपर कहानी है परिवार की कहानी है परिवार का बेटा है जीतू पटवारी.
3) आप परेशान हैं या पार्टी आप से परेशान हैं,क्योंकि जब आप विधानसभा से निलंबित हुए तो पार्टी आपके साथ नहीं दिखी!
मुझे निलंबित किया तो वो मेरी USP थी, राहुल गांधी को निलंबित किया तो वो उनकी USP थी. वो सही तरीक़े से विपक्ष का रोल प्ले कर रहे हैं.मैं भी कर रहा था. ये विषय बचा नहीं है अब. पार्टी को जिताने की बात आ गई है. कौन खड़ा है साथ में, कौन नहीं है. जनता हमारी पार्टी के साथ है या नहीं वो अभी सवाल है.हम पार्टी के लोग हैं हम जनता को साथ लेना चाहते हैं.
4) BJP का केंद्रीय नेतृत्व उतर आया है चुनाव लड़ने के लिये,चुनौती मुश्किल है. जनआशीर्वाद यात्रा हो रही है.
जीतू पटवारी
5) चेहरा तो आपकी पार्टी ने भी अभी तक तय नहीं किया है?
जवाब - हमारी पार्टी का अपना एक प्रोसेस हैं उनकी पार्टी में चेहरा घोषित करने की सौ घटनाएँ हो चुकी है हमारे यहाँ कमलनाथ मुख्यमंत्री होंगे कह दिया मैंने . लेकिन उनके यहां कुछ गड़बड़ है. इसका मतलब है कि शिवराज जी को आशीर्वाद नहीं है. शिवराज जी को पार्टी का आशीर्वाद नहीं है, मोदीजी का आशीर्वाद नहीं है, नड्डा का आशीर्वाद नहीं है तो जनता क्यों आशीर्वाद दे.
6) 'लाडली बहना' योजना को लोकप्रिय मानते हैं?
हमारे मुख्यमंत्री रोज़ भाषण देते हैं साढ़े आठ करोड़ मेरी जनता. मतलब उसका फिफ्टी परसेंट महिला. महिलाओं का फिफ्टी परसेंट बहने हैं.उसमें से भी एक करोड़ को योजना का लाभ दे रहे हैं बाक़ी आप 4 करोड़ को क्यों नहीं दे रहे हैं. 18 साल से नीचे की लड़कियां उनकी बहनें नहीं है 60 साल से ऊपर उनकी बहनें नहीं है . यही वजह है कि अब लोग जाती हुई गाड़ी में सवार होना नहीं चाहते हैं.
7) कांग्रेस ने 6 गांरटी दी लेकिन उसमें से 4 बीजेपी ले गई?
जनता को एहसास हो गया है इस बात का कि कांग्रेस विज़नरी पार्टी है. सत्ता के साथ बातें कर रही है. ये लोग सत्ता के लालच में वायदे कर रहे हैं. 18 साल से बहनों को अपने याद क्यों नहीं किया है? इसकी सज़ा आपको मिलनी चाहिए कि नहीं आपने बिजली के बिल माफ़ करने की बात कही. खुद आपके घर का 3 हज़ार बिजली का बिल आता है.
8) आपलोग ही तो एक तरफ कह रहे हैं खज़ाना खाली है, फिर घोषणाएं भी कर रहे हैं, पैसा है कहां ?
मैंने कभी नहीं कहा कि रेवड़ी. हमने कहा कि 18 साल के बाद याद क्यों आया.हमने बोला हमारी सरकार बनेगी तो हम करेंगे. हमने कर्नाटक में बोला और सरकार बनने के बाद उसे पूरा भी किया.दरअसल रेवड़ी नरेंद्र मोदी कहते हैं दूसरी पार्टी अगर बेनेफ़िशियल स्कीम बनाती है तो उन्हें समझ नहीं आता.
9) आपके यहां रोज बीजेपी से नेता शामिल हो रहे हैं, इससे स्थानीय समीकरण गड़बड़ नहीं होंगे?
रघुवंशी जी आए हैं पहले कांग्रेस में थे सिंधिया से पीड़ित होकर BJP में गए थे. कांग्रेस में इसलिए आये हैं क्योंकि वो अहंकार, घृणा के ख़िलाफ़ थे.
जो आ रहा है कांग्रेस को मज़बूत करने के लिए आ रहा है. क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए आ रहा है.
10 ) आप आज BJP में नाराज़गी पर बोल रहे हैं लेकिन टिकट बंटने पर कांग्रेस दफ्तर में कुर्सी टेबल टूटने की तस्वीरें आम हैं
इस बार की कोशिश है कि ऐसा ना हो. लेकिन ये नैचरल है. जब सीटें बचती हैं तो जो अच्छे दावेदार होते हैं उनकी क्रिया-प्रतिक्रिया आती है.
11) सूखे से किसान परेशान हैं,मूंग बेची पर पैसे नहीं मिले, बिजली कटौती हो रही है, लेकिन आपलोग तमाम घोषणाएं कर रहे हैं. कैसे होगा?
ये बात सही है कि हमारे प्रदेश का किसान देश में सबसे ज़्यादा कर्ज़दार है आत्महत्या में नंबर वन है.इसका मतलब है हम दुखी हैं पीड़ित हैं. इसलिए सरकार को सोचना समझना पड़ेगा. और सोयाबीन की फ़सल ख़राब हो रही है किसान दुखी है सरकार को चाहिये बीमा कंपनियों से किसान को मुआवज़ा दिलवाए.सात घंटे बिजली की बात करते हैं लेकिन फिर भी अघोषित कटौती करते हैं बिजली के बिल अद्भुत आ रहे हैं तार नहीं है खंबे नहीं है, मैं जब आपसे बात कर रहा हूँ कल मैंने 400 खंभे घर की राशि से ख़रीद के जनता के लिए अपने क्षेत्र में लगाए हैं. इसका मतलब है कि स्थिति बहुत दयनीय है जो.
12) बीजेपी कहती है आप चुनावी हिंदू हैं. आपने धर्म प्रकोष्ठ बनाया. कभी-कभी पीसीसी और बीजेपी दफ्तर में फर्क मुश्किल हो जाता है.
हां, हमने धर्म प्रकोष्ठ बनाया है लेकिन ये सिर्फ़ हिन्दू धर्म का नहीं है.सभी धर्मों के लिए है. कांग्रेस पार्टी संविधान में भरोसा करती है. सबको अपनी-अपनी आस्था के साथ जीने का अधिकार है. ये हमारा मिशन है, देश में प्यार मोहब्बत प्रेम बना रहे, यही हम चाहते हैं.
13 ) लेकिन खरगोन के दंगों पर तो आपके नेता कुछ नहीं बोले, बुलडोजर चल रहा था तब पीड़ितों से नहीं मिले? क्या सिर्फ इसलिये क्योंकि मुसलमान वोटर 7 फीसद हैं?
जीतू पटवारी
14) क्या आप कहेंगे बुलडोजर से न्याय नहीं होगा?
ये पूरा देश संविधान से चलेगा.संविधान के बाहर कुछ भी नहीं होगा.
15 ) बुलडोजर रूकेगा
क्या ये सब संविधान में है अगर नहीं है तो उसके बाहर कुछ नहीं होगा.
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