'इंडिया' गठबंधन के दल ही मुश्किल बढ़ा रहे कांग्रेस की, 'बहनजी' का भी नतीजों पर दिखेगा असर

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच इंडिया गठबंधन में सब ठीक नजर नहीं आ रहा है, मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने 5 सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए हैं. इसके अलावा आम आदमी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी भी चुनावी मैदान में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही है. आखिर इनका राज्य की सियासत में कितना असर है?

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Madhya Pradesh Assembly Elections: पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच इंडिया गठबंधन में सब ठीक नजर नहीं आ रहा है,मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Congress and Samajwadi Party) ने 5 सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए हैं. वहीं पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath)ने कह दिया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' का ध्यान लोकसभा चुनाव पर है लेकिन अगर यह गठबंधन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में होता तो अच्छा होता.
     कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन 144 उम्मीदवारों की पहली सूची सुबह 9 बजकर 9 मिनट पर शुभ मुर्हूत देखकर जारी की,लेकिन लगता है इंडिया गठबंधन में मौजूद समाजवादी पार्टी को ये अशुभ लगा क्योंकि लगभग 8 घंटे बाद ही सपा ने भी अपने और उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए. जिसका मतलब ये हुआ कि भांडेर-एससी,राजनगर,बिजावर,चितरंगी-एसटी और कटंगी समेत पांच सीटों पर कांग्रेस-समाजवादी पार्टी दोनों ने उम्मीदवार उतार दिये हैं. आगे बढ़ने से पहले एक नजर डाल लेते हैं पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन पर  

गठबंधन के सवाल पर समाजवादी पार्टी नेता यश भारतीय ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब उनके नेताओं में खुद में सामंजस्य नहीं है तो दूसरे दलों के साथ क्या सामंजस्य होगा ? मध्यप्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता यश भारतीय ने कहा कि कांग्रेस के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री ही पार्टी में सामंजस्य नहीं बैठा रहे हैं तो वो किसी दूसरे के साथ क्या सामंजस्य बिठा पाएंगे? अखिलेश यादव ने कहा था कि टेबल पर जो बातें हुई हैं गठबंधन को लेकर उसको सार्वजनिक नहीं करना चाहिए. कमलनाथ जी या कांग्रेस को गलतबयानी नहीं करना चाहिये, मंशा ये थी कि बीजेपी को मिलजुलकर मजबूती के साथ रोकें कांग्रेस पार्टी उसमें अलग लड़ना चाहती है अलग लड़े लेकिन रोकेंगे बीजेपी को. 
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से जब समाजवादी पार्टी की लिस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा बातचीत हुई और हो भी रही है. अंततः 'इंडिया' गठबंधन केंद्रीय स्तर पर है, केंद्रीय स्तर पर चर्चा चल रही है.

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यदि यह गठबंधन मध्य प्रदेश में होता है तो अच्छा होता, लेकिन यदि नहीं होता है तो इसका (‘इंडिया' गठबंधन का) ध्यान केंद्रीय में लोकसभा चुनाव पर है, एसपी के साथ बातचीत पहले ही हो चुकी है और अभी भी चल रही है, क्योंकि हम चाहते हैं कि एसपी बीजेपी को हराने में हमारी मदद करे. यहां तक कि सपा की भी इसमें रुचि है,मैं अखिलेश यादव को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि उनका लक्ष्य बीजेपी को हराना है.

कांग्रेस की मुश्किल सिर्फ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ही नहीं बढ़ा रहे हैं बल्कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी भी इस बार चुनावी मैदान में अपनी मौजूदगी दर्ज कर सियासी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है.वैसे केजरीवाल यूं ही नहीं मध्यप्रदेश का दौरा कर रहे हैं.राज्य की सियासत में में वो निकाय चुनावों के जरिए प्रवेश कर चुके हैं. 

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हालांकि मोटे तौर पर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता है. लेकिन इस बार सपा और आप के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (Gondwana Republic Party) और बहुजन समाज पार्टी भी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. इन दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन किया है. जिससे कम से कम 100 सीटों पर मुकाबला कड़ा होने के आसार बन रहे हैं. मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी ने पिछले चुनाव में 5 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए थे.  

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जाहिर है मध्यप्रदेश की सियासत में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला होगा लेकिन केजरीवाल, अखिलेश यादव और मायावती की पार्टियां इनके समीकरण को बना-बिगाड़ सकती हैं. हालांकि ये पार्टियां कितनी पानी में हैं इसका पता तो 3 दिसंबर को ही चलेगा.