अस्पताल जाने से बचने व कम खर्चे में इलाज करने के चक्कर में ग्रामीण क्षेत्र के लोग अक्सर झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंस जाते हैं. इस कारण से लोग अपनी जान तक गंवा देते हैं. अभी हाल ही में एक मामला अंबिकापुर का है. यहां एक झोलाछाप डॉक्टर के कारण दो लोगों की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में गलत इंजेक्शन लगने से दो मरीजों की मौत हो गई है. एक गर्भवती महिला व एक व्यक्ति की मौत हो जाने से इलाके में सनसनी फैल गई है. बताया जा रहा है दोनों को गलत इंजेक्शन व दवा खिलाने के कारण गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई है. पुलिस ने दोनों मामलों में मर्ग कायम कर विवेचना में ले लिया है.
इस संबंध में मृतक पत्नी कौशल्या ने बताया कि 11 अगस्त की सुबह उसके पति केसर को बुखार था. ग्राम खुटिया थाना उदयपुर के ही सामे प्रजापति जो घूम-घूम कर दवाई व सुई इंजेक्शन लगाने का काम करता है. उसके घर के पास पहुंचा तो उसे बुलाकर केसर को दिखाया तो सामे प्रजापति के द्वारा केसर के दाहिने कमर में एक सुई लगाया और 4 टेबलेट खाने को दिया था. उसी दिन से दर्द ज्यादा हो गया था. इंजेक्शन लगाने वाली जगह से बाएं जांघ तक सूजन हो गया इसके बाद परिजन 12 अगस्त को इलाज हेतु 108 एंबुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर लेकर पहुंचे. जहां भर्ती कर उपचार के बाद 14 अगस्त को रेफर कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लाया गया. जहां भर्ती कर उपचार के दौरान की रात्रि 17 अगस्त को केसर की मौत हो गई है.
वहीं दुसरा मामला जशपुर जिला के ग्राम बेंद का जहा की रहने वाली मनियारो बाई दो माह की गर्भवती थी लेकिन किसी कारण उसका गर्भपात हो गया था. जिसके कारण उसे बुखार था एक बंगाली झोला छाप डाक्टर ने उसे सुई लगाई जिससे उसकी तबियत बिगड़ने लगी. आनन फानन में उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लाया गया जहाँ उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
बरहाल ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार के लिए राज्य सरकार के द्वारा लाख दावे करने के बावजूद इस प्रकार की घटनाओं को सामने आना कहीं ना कहीं सरकारी दावों को खोखला साबित करता है.