4th Samarth Bharat Conclave: रोजगार से स्वरोजगार की ओर ले जाता है Skill Development

Samarth Bharat Conclave on Skill Development: भारत के युवाओं को शिक्षा के साथ अपने स्किल पर काम करने और उन्हें इसका महत्व बताने के लिए दो दिवसीय समर्थ भारत कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. इसमें माइक्रोसॉफ्ट में सीएसआर हेड किशोर थंगावेलू भी शामिल हुए.

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AISCET 4th Samarth Bharat Conclave

Bhopal News: शिक्षा के तीन आयाम ज्ञान, चरित्र और कौशल हैं. इन्हीं को ध्यान में रख राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार किया गया है. इसमें कौशल विकास जो कि आज के समय का सबसे आनिवार्य विषय है, इस पर छात्रों को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा काम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर किया जा रहा है. क्योंकि छात्रों में स्किल का जितना ज्यादा से ज्यादा विकास होगा, उतना ही वह रोजगार से स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ सकेगा. यह प्रयास ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में एक अहम कड़ी के रूप में कार्य करेगा.

यह बात शिक्षा एवं संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव और शिक्षाविद् अतुल कोठारी (Atul Kothari) ने मंगलवार को आईसेक्ट (AISECT) द्वारा आयोजित चौथे समर्थ भारत कॉन्क्लेव (4th Samarth Bharat Conclave) के दूसरे दिन कही. उन्होंने अपने वक्तव्य में “विकसित भारत के निर्माण में कौशल विकास और सामाजिक उद्यमिता” विषय पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम में इस दौरान अन्य अतिथियों में आईसेक्ट के चेयरमैन संतोष चौबे, आईसेक्ट के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी एवं डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी, माइक्रोसॉफ्ट में सीएसआर हेड किशोर थंगावेलू, सत्व कंसल्टिंग में मैनेजर डॉ. श्वेता गौड़ और आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज की निदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स उपस्थित रहे. अतुल कोठारी ने आगे कहा कि हमारे देश में अब महिलाओं को फिजीकली और मेंटली रूप से सशक्त बनाने के प्रयास शिक्षा के स्तर पर किए जा रहे हैं क्योंकि महिलाएं जितनी ज्यादा मजबूत होंगी देश भी उतना ही मजबूत होगा. 

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आईसेक्ट और माइक्रोसॉफ्ट कर रही है एकाकृत प्रयास-किशोर थंगावेलू

इस समारोह में माइक्रोसॉफ्ट में सीएसआर हेड किशोर थंगावेलू ने माइक्रोसॉफ्ट राइज प्रोजेक्ट की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसके अंतर्गत बच्चों को टेक्नोलॉजी से रूबरू कराने, प्रशिक्षण देने और महिलाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़न का काम किया जा रहा है. इसमें आईसेक्ट द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर देशभर में सफलतापूर्वक कार्य किया जा रहा है. वहीं, सत्व कंसल्टिंग में मैनेजर डॉ. श्वेता गौड़ ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उनकी स्टेम एजुकेशन जोर दिया. उन्होंने कहा कि जेंडर इक्वालिटी के अलावा, स्टेम लैब की अनुपलब्धता, साइंस के प्रति जागरुकता प्रदान करने वाले माहौल की कमी और शिक्षा का फाउंडेशन कमजोर होना स्टेम एजुकेशन में महिलाओं की अरुचि का प्रमुख कारण हैं. 

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कार्यक्रम में आईसेक्ट की कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट द्वारा महिलाओं को उद्यमिता के प्रति जागरुक करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है. इसके अंतर्गत 4 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. स्टेम एजुकेशन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी आईसेक्ट ने अपने स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं.  

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सत्र के अंत में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में आईसेक्ट के चेयरमैन संतोष चौबे ने कहा 80 के दशक के मध्य कम्प्यूटर साक्षरता को ग्रामीण परिवेश तक ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण संस्थान रहा है. आईसेक्ट की यह खासियत रही कि उसने न सिर्फ ग्रामीण भारत तक कम्प्यूटर शिक्षा पहुंचाई, बल्कि यह हिंदी में पहुंचाई जिससे युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में मदद मिली. इसी का परिणाम हुआ कि बाद में भारत सरकार द्वारा समाज के उत्थान के लिए शुरु की गईं महत्वपूर्ण योजनाएं जैसे कि डिजिटल इंडिया, कम्प्यूटर एजुकेशन, फाइनेंशियल इंक्लूजन को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने का कार्य आईसेक्ट केंद्रों के माध्यम से सफलतापूर्वक किया जा सका.

 नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया भोपाल चैप्टर के को-हेड सचिन अग्रवाल ने अपने सेक्टर्स की विस्तार से जानकारी साझा करते हुए कहा कि होटल और रेस्टोरेंट का बड़ा सेक्टर अब भी ऑर्गनाइज है. ऐसे में हमारे पास अवसर है कि हम स्किलिंग के जरिए इसे बेहतर बनाकर अपने बिजनेस को अपग्रेड कर सकते हैं. टूरिज्म और फूड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में यह अवसर है जब हम अपने व्यवसाय को ज्ञान की मदद से बढ़ा सकते हैं. इस दौरान रिन्युवेबल एनर्जी प्रोग्राम्स पर समर्थ बुकलेट और आंध्र प्रदेश, पंजाब एवं दिल्ली की आईसेक्ट स्कूल रिपोर्ट का विमोचन किया गया. इसके अलावा स्किल नॉलेज प्रोवाइडर्स के लिए आईसेक्ट द्वारा प्रदान किए जा रहे अवसरों पर बात की गई.

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समापन सत्र में मप्र के एस्पायरेशनल डिस्ट्रिक्ट की स्किल गैप सर्वे रिपोर्ट, “ब्रेकिंग बेरियर्स – वूमन एंटरप्रेन्योर्स रीडिफाइनिंग सक्सेस” रिपोर्ट और मप्र स्टेट प्रोफाइल को रिलीज किया गया. इसके अतिरिक्त विभिन्न कैटेगरीज में उद्यमियों को अवॉर्ड्स प्रदान किए गए. कार्यक्रम में “पीवीटीजी प्रोग्रेस रिपोर्ट” और इससे जुड़े प्रेजेंटेशन को भी प्रमुख रूप से रिलीज किया गया. इसके अलावा पीवीटीजी प्रोजेक्ट के तहत प्लेसमेंट पाने वाले उम्मीदवारों को ऑफर लेटर भी कार्यक्रम में प्रदान किए गए.

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