New Delhi: कतर (Qatar) में कथित जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाए नेवी के 8 पूर्व कर्मियों (Former Indian Navy Personnel) की फांसी की सजा पर रोक लगाकर कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. नेवी अधिकारियों की सजा के खिलाफ भारत की तरफ से अपील दायर की गयी थी. दरअसल कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी. जिसके बाद भारत की तरफ से अपील की गई थी. इन लोगों की जमानत याचिका को कई बार कोर्ट ने खारिज भी किया था. जिस पर भारत ने हैरानी भी जताई थी.
फांसी की सजा पाए नौसेना के अफसरों के नाम...
कतर में जिन 8 पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा सुनाई गयी थी उनके नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश.
इन आठ लोगों की जमानत याचिकाएं कई बार हो चुकी हैं खारिज
ये सभी कतर में दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी नाम की निजी कंपनी में काम करते थे. यह कंपनी डिफेंस सर्विस प्रोवाइड करती है. ओमान एयरफोर्स के रिटायर्ड स्क्वॉड्रन लीडर खमिस अल अजमी इसके प्रमुख हैं. उन्हें भी 8 भारतीय नागरिकों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नवंबर में उन्हें छोड़ दिया गया था.
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इन आठ लोगों की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज की जा चुकी हैं. भारत सरकार ने कतर की अदालत के फैसले पर हैरानी भी जाहिर की थी, और तब सरकार ने कहा था कि उन्हें छुड़ाने के लिए कानूनी रास्ते खोजे जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि हम जजमेंट की डिटेलिंग का इंतजार कर रहे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन लोगों के परिवारों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि वह उनका दर्द और चिंता समझ सकते हैं. एस जयशंकर ने कहा था कि सरकार आठों लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी कोशिशें कर रही है.