30 मिनट में दिल्ली टू अमेरिका ! एलन मस्क के ऐलान से ऐसे बदल जाएगी हवाई यात्रा की तस्वीर

अरबपति कारोबारी एलन मस्क अब दिल्ली से अमेरिका के बीच की फ्लाइट को 15 घंटे से केवल 30 मिनट तक घटाने की तैयारी में हैं.यानी दिल्ली एयरपोर्ट से सीधे अमेरिका में उतरना, वो भी सिर्फ 30 मिनट में. ये सुनकर आप चौंक सकते हैं लेकिन मस्क के प्लान से ये संभव हो सकता है. जानिए कैसे?

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India to America In 30 Minutes:अमेरिका दुनिया का सबसे विकसित देश माना जाता है...जहां जाने का सपना आम तौर पर हर कोई देखता है. भारत की राजधानी नई दिल्ली से वाशिंगटन डिसी की दूरी 12 हजार किलोमीटर से अधिक है और यहां जाने में न्यूनतम 15 घंटे से अधिक का समय लगता है. लेकिन अब इसी विकसित देश से ऐसी खबर आई है जो आपको चौंका सकती है. जी हां...अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने ऐलान किया वो 'अर्थ टू अर्थ'नाम से  महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ला रहे हैं जो धरती पर शहरों के बीच यात्रा को अविश्वसनीय तरीके से तेज और क्रांतिकारी बना देगा. यदि ये प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता है तो फिर दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को के बीच की यात्रा महज़ 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी. इसी तरह लॉस एंजेलेस और टोरंटो के बीच यात्रा का समय केवल 24 मिनट और लंदन से न्यूयॉर्क की दूरी 29 मिनट में तय की जा सकेगी. 

मस्क के ऐलान को इसलिए गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि हाल ही में अमेरिका क नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उन्हें अपनी सरकार में अहम जिम्मेदारी दी है.

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खुद मस्क ने एक सोशल मीडिया यूजर के सवाल के जवाब में कहा है कि ट्रंप प्रशासन के दौरान स्पेसएक्स को अपना स्टारशिप 'अर्थ-टू-अर्थ' उड़ाने के लिए संघीय विमानन प्रशासन से मंजूरी मिल सकती है.

अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने बताया कि उनका स्टारशिप लॉन्च होने के बाद अंतरिक्ष में गहरे जाने की बजाय पृथ्वी के समानांतर यात्रा करेगा, जिससे दूरी कम समय में तय हो सकेगी. स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट एक घंटे से भी कम समय में दुनियाभर के प्रमुख शहरों को जोड़ने में सक्षम होगा.

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स्टेनलेस स्टील से बना यह स्टारशिप रॉकेट 395 फीट लंबा होगा और एक बार में 1000 यात्रियों को ले जा सकता है.मस्क के मुताबिक इसमें सफर के दौरान लोगों को लैंडिंग और टेकऑफ के समय ग्रेविटी यानी गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव होगा.

इस स्टारशिप में यात्रा के दौरान यात्रियों को सीट बेल्ट बांध कर रखना होगा क्योंकि जब विमान ऊपर जाएगा तो गुरुत्वाकर्षण कम होगा. उन्होंने दावा किया की यह प्रोजेक्ट न केवल समय बचाने वाला होगा, बल्कि इसे उन्नत तकनीक के लिए एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है.

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 10 साल पहले ही दिया था प्रस्ताव

एलन मस्क का कहना है कि ये प्रोजेक्ट उनका बेहद पुराना सपना है. उनकी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव 10 साल पहले ही रखा था तब इस पर ज्यादा काम नहीं पाया था. अब अमेरिका में नई सरकार आने के बाद संभावना है कि इसे हकीकत में बदला जा सके. मस्क को भरोसा है कि संघीय विमानन प्रशासन इसे मंजूरी दे देगा. ये अलग बात है कि इसे कारोबारी स्तर पर लागू करने के लिए कई चरणों से होकर गुजरना होगा. 
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