सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था सुधारने के चाहे लाख दावे किए जाएं लेकिन हकीकत ये है कि अकेले सूरजपुर जिले में 120 स्कूल ऐसे हैं जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं.. एक तरफ इससे शिक्षक भारी तनाव में हैं तो दूसरी तरफ बच्यों के परिजन अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। आलम ये है कि इन स्कूलों में पांचवीं क्लास तक के बच्चे एक साथ बैठने को मजबूर हैं तो वहीं दूसरी तरफ समय से पहले ही स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है। ऐसे ही एक स्कूल में NDTV की टीम पहुंची। इस स्कूल में कहने को 31 बच्चे पढ़ते हैं पर आए आधे ही थे और इस स्कूल में भी एक ही टीचर की तैनाती है।