Bhopal Gas Tragedy: साल 1984 के दिसंबर के 2 और 3 तारीख की रात को यूनियन कार्बाइड के कारखाने से लगभग 40 टन 'मेथायिल अयिसोसायिनेट' गैस (Methyl isocyanate ) का रिसाव होने लगा. इस रिसाव से भोपाल (Bhopal) शहर में अफरा तफरी मच गई थी. सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाके यूनियन कार्बाइड (union carbide) के कारखाने के आस पास थे, जहां पर लोग झुग्गियों में रहा करते थे. हादसे में लोग ताश के पत्ते की तरह अपने घरों और सड़कों पर गिरने लगे थे. आंकड़ों के मुताबिक इस हादसे में कम से कम 6 हजार लोगों की मौत हो गयी थी. आज भी इसके जख्म ताजा हैं.