देश की आजादी के लिए सूरजपुर (Surajpur)का एक क्रांतिकारी शहीद (Revolutionary Martyr) हो गया. लेकिन शहीद का दर्जा 85 साल बाद भी उसे नहीं मिल सका.शहीद की तीसरी पीढ़ी अपने पूर्वज को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए सिस्टम से लड़ाई लड़ते रही है.लेकिन अभी तक क्रांतिकारी बाबू परमानंद (Revolutionary Babu Parmanand) को शहीद का दर्जा नहीं मिल सका है.