मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंदसौर (Mandsaur) में बरसों पहले बनी एक विशालकाय पानी की टंकी आज भी शो पीस बनकर खड़ी है, जिसका इस्तेमाल अब तक नहीं हो सका है. आरोप है कि इस टंकी को बनाते समय मिट्टी का परीक्षण नहीं किया गया था जिसके चलते पहली बार टंकी में पानी भरा गया तो यह झुकने लगी और आसपास बने कोर्ट परिसर की बिल्डिंगों में दरारें पड़ गईं. तब से इस टंकी को कभी भी इस्तेमाल में नहीं लिया गया है. ये टंकी 26 लाख गैलन पानी की क्षमता वाली है और इसे संभाग की सबसे बड़ी टंकी के रूप में देखा जाता है. मौजूदा समय में टंकी के निर्माण की लागत लगभग सात करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि इसे बनाने के लिए नगर पालिका ने तत्कालीन ठेकेदार को तीन करोड़ पचयासी लाख रुपये का भुगतान किया था. इतनी महंगी और बड़ी टंकी बनाने के बावजूद, इसके इस्तेमाल न होने से नगर पालिका पर लापरवाही जैसे भी सवाल उठ रहे हैं.