गुरु दत्त—सपनों का शिल्पकार और भारतीय सिनेमा का जादूगर। उनकी फिल्मों प्यासा और कागज़ के फूल ने दर्द, प्यार और गुमनामी की कहानी को अमर कर दिया। भोपाल में मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने उनकी यादों को संजोया, याद किया। उनकी कला आज भी अमर है, और उनकी कहानियां हमें उनकी गहराई और संवेदनशीलता का अनुभव कराती हैं.