भिलाई (Bhilai) की बी पुलम्मा (B Pollamma) हिम्मत और बदलाव की प्रतीक बन चुकी हैं. 13 साल की उम्र में उन्होंने बाल विवाह को ठुकराया और शिक्षा जारी रखी. आज, वे 150 से ज्यादा महिला स्वसहायता समूहों का संचालन कर रही हैं और 65 से अधिक राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं. पुलम्मा का मानना है कि शिक्षा हर समस्या का समाधान है. वे महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करती हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनाती हैं। उनकी कहानी साबित करती है कि एक व्यक्ति के प्रयास से कई जिंदगी बदली जा सकती हैं.