(Food Corporation of India) ने अनफिट कहकर लेने से मना कर दिया है. सरकार का कहना है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसा सड़ा गेहूं कहीं गरीबों को राशन में खपाने की तैयारी तो नहीं थी. सितंबर 2020 में एनडीटीवी ने खुलासा किया था कि कैसे मध्यप्रदेश में गरीबों को मुफ्त में मिल रहा ये चावल, भेड़-बकरियों के खाने लायक भी नहीं. एनडीटीवी की रिपोर्ट के बाद, ऐसी खलबली मची की पीएमओ ने सरकार से रिपोर्ट तलब की थी.