Electrified Railways: भारतीय रेलवे रेल ट्रैक की विद्युतीकरण (इलेक्ट्रिफिकेशन) योजना में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है. ताजा रिपोर्ट कहती है कि भारतीय रेल ने अब तक 99 फीसदी से अधिक ब्रॉड-गेज नेटवर्क को इलेक्ट्रिफाईड कर लिया है. रेलवे के मुताबिक शेष हिस्सों का विद्युतीकरण भी जल्द ही पूरा हो जाएगा.
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99 फीसदी इलेक्ट्रिफाई हुआ ब्रॉड-गेज नेटवर्क
गौरतलब है पिछले कुछ वर्षों में रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण की दिशा में काफी तेजी से प्रगति हो रही है. ब्रॉड-गेज नेटवर्क को 99 फीसदी पूरी होने की यह उपलब्धि भारत के लिए और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन देशों से कहीं आगे है, जिनकी पहले से मजबूत रेलवे प्रणालियां हैं.
विद्युतीकरण से डीजल की खपत में आई कमी
रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे ने अपनी ब्रॉड-गेज प्रणाली के अधिकांश हिस्से को इलेक्ट्रिफाई करने में सफल हुई है, जबकि दुनिया के कई बड़े और व्यस्त नेटवर्क अभी भी डीजल इंजन पर निर्भर हैं. इससे भारत में डीजल की खपत में ही नहीं, उत्सर्जन में भी कमी आई है. इससे ऑपरेशनल खर्च, ट्रेन ऑपरेशन की कुशलता और गति में सुधार हुआ है.
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812 MW सौर, 93 MW पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित
केंद्रीय रेल मंत्री ने बताया कि नवंबर 2025 तक भारतीय रेलवे ने 812 मेगावाट सौर ऊर्जा और 93 मेगावाट पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो रेलवे की ट्रैक्शन पावर की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. इसके अलावा, रेलवे ने 1,500 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का भी इंतजाम किया है, जिसमें सौर, पवन और स्टोरेज तकनीकें शामिल हैं.
बना रहा है एनर्जी को रि-जेनरेट करने वाला मोटर
उल्लेखनीय है रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के नेतृत्व में भारतीय रेलवे अब थ्री-फेज आईजीबीटी टेक्नोलॉजी आधारित लोकोमोटिव (मोटर) भी बना रहा है, जो एनर्जी को रि-जेनरेट कर सकती है, यानी ब्रेकिंग के दौरान उपयोग की गई ऊर्जा का कुछ हिस्सा फिर से वापस पैदा कर सकती है.
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