Dr Rajendra Prasad
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
Dr Rajendra Prasad Jayanti: राष्ट्रसेवा ही मेरा धर्म; पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को देश ने किया याद
- Wednesday December 3, 2025
- Written by: अजय कुमार पटेल
Dr Rajendra Prasad: राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति रहे, 26 जनवरी, 1950 से 13 मई, 1962 तक इस पद पर रहे. उनका जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के जिरादेई में हुआ था. प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम व्यक्ति और भारतीय राजनीति में एक अहम नेता थे, जो अपनी विनम्रता, समझदारी और देश के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे.
-
mpcg.ndtv.in
-
संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर
- Tuesday November 26, 2024
- Written by: अजय कुमार पटेल
Constitution Day Of India 2024: संविधान सभा की कार्यवाही पर कुल व्यय और उसके दर्शक 26 नवम्बर 1949 को, जिस दिन संविधान सभा में संविधान को अंगीकार किया गया, उस दिन डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा को बताया कि लगभग तीन साल तक चली संविधान सभा की प्रक्रिया पर कुल 63,96,721 रुपये का व्यय आया. जब संविधान बन रहा था, तब लगभग 53 हज़ार लोगों ने दर्शक दीर्घा से उस प्रक्रिया को देखा. हाथ से लिखे गये इस दस्तावेज में कहीं भी कोई गलती नहीं है, यहां तक कि स्याही का कोई अतिरिक्त बिंदु भी नहीं गिरा दिखाई देगा.
-
mpcg.ndtv.in
-
Dr Rajendra Prasad Jayanti: राष्ट्रसेवा ही मेरा धर्म; पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को देश ने किया याद
- Wednesday December 3, 2025
- Written by: अजय कुमार पटेल
Dr Rajendra Prasad: राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति रहे, 26 जनवरी, 1950 से 13 मई, 1962 तक इस पद पर रहे. उनका जन्म 3 दिसंबर, 1884 को बिहार के जिरादेई में हुआ था. प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम व्यक्ति और भारतीय राजनीति में एक अहम नेता थे, जो अपनी विनम्रता, समझदारी और देश के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे.
-
mpcg.ndtv.in
-
संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर
- Tuesday November 26, 2024
- Written by: अजय कुमार पटेल
Constitution Day Of India 2024: संविधान सभा की कार्यवाही पर कुल व्यय और उसके दर्शक 26 नवम्बर 1949 को, जिस दिन संविधान सभा में संविधान को अंगीकार किया गया, उस दिन डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा को बताया कि लगभग तीन साल तक चली संविधान सभा की प्रक्रिया पर कुल 63,96,721 रुपये का व्यय आया. जब संविधान बन रहा था, तब लगभग 53 हज़ार लोगों ने दर्शक दीर्घा से उस प्रक्रिया को देखा. हाथ से लिखे गये इस दस्तावेज में कहीं भी कोई गलती नहीं है, यहां तक कि स्याही का कोई अतिरिक्त बिंदु भी नहीं गिरा दिखाई देगा.
-
mpcg.ndtv.in