100th Tansen Sangeet Samaroh
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Tansen Samaroh 2024: ऑस्कर विनर कलाकार के "रागरंग" में दिखेगा क्लासिकल म्यूजिक, एंट्री फ्री
- Saturday December 14, 2024
- Reported by: अजय कुमार पटेल, Written by: अजय कुमार पटेल
Tansen Samaroh: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में तानसेन शताब्दी संगीत समारोह के दौरान ऑस्कर विजेता एनीमेशन टीम कलाकार दीपंकर गोस्वामी भारतीय शास्त्रीय संगीत और उसके स्वरों को पेटिंग के रूप में जीवंत पोर्टेट देखने को मिलेंगे. ग्वालियर के मोती महल में शास्त्रीय संगीत, कला साधकों और सुरों पर केन्द्रित श्री गोस्वामी की संगीतमय कलाकृतियों की प्रदर्शनी ‘रागरंग’ एक विशेष आकर्षण होगी.
- mpcg.ndtv.in
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Tansen Samaroh 2024: खास होगा 100वां तानसेन समारोह, 100 से ज्यादा देशी-विदेशी कलाकारों की प्रस्तुतियां
- Friday December 13, 2024
- Reported by: अजय कुमार पटेल, Written by: अजय कुमार पटेल
Tansen Samaroh Gwalior: ग्वालियर की समृद्ध संगीत विरासत सदियों पुरानी हैं. "ग्वालियर घराने'' ने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश को एक से एक नायाब नगीने दिए हैं. उर्दू इतिहासकार फरिस्ता द्वारा लिखित ग्रंथ "तारीख-ए-फरिस्ता'' के शुरूआती अध्याय में ही ग्वालियर की संगीत विरासत के बारे में बड़ा रंजक वर्णन मिलता है. ग्वालियर की संगीत परंपरा राजा मानसिंह तोमर के राज्यकाल में अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुंची. पन्द्रहवीं शताब्दी में राजा मानसिंह के प्रोत्साहन से ग्वालियर संगीत कला का विख्यात केन्द्र बना. इस बार 'तानसेन संगीत समारोह'' का 100वां वर्ष है.
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Tansen Samaroh 2024: ऑस्कर विनर कलाकार के "रागरंग" में दिखेगा क्लासिकल म्यूजिक, एंट्री फ्री
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Tansen Samaroh: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में तानसेन शताब्दी संगीत समारोह के दौरान ऑस्कर विजेता एनीमेशन टीम कलाकार दीपंकर गोस्वामी भारतीय शास्त्रीय संगीत और उसके स्वरों को पेटिंग के रूप में जीवंत पोर्टेट देखने को मिलेंगे. ग्वालियर के मोती महल में शास्त्रीय संगीत, कला साधकों और सुरों पर केन्द्रित श्री गोस्वामी की संगीतमय कलाकृतियों की प्रदर्शनी ‘रागरंग’ एक विशेष आकर्षण होगी.
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Tansen Samaroh Gwalior: ग्वालियर की समृद्ध संगीत विरासत सदियों पुरानी हैं. "ग्वालियर घराने'' ने शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश को एक से एक नायाब नगीने दिए हैं. उर्दू इतिहासकार फरिस्ता द्वारा लिखित ग्रंथ "तारीख-ए-फरिस्ता'' के शुरूआती अध्याय में ही ग्वालियर की संगीत विरासत के बारे में बड़ा रंजक वर्णन मिलता है. ग्वालियर की संगीत परंपरा राजा मानसिंह तोमर के राज्यकाल में अपने चर्मोत्कर्ष पर पहुंची. पन्द्रहवीं शताब्दी में राजा मानसिंह के प्रोत्साहन से ग्वालियर संगीत कला का विख्यात केन्द्र बना. इस बार 'तानसेन संगीत समारोह'' का 100वां वर्ष है.
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