Women's World Cup Final Highlights: 2 नवंबर 2025 का दिन भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है. नवी मुंबई के DY पाटिल स्टेडियम में खेले गए महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप का खिताब जीता. जैसे ही कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ट्रॉफी उठाई, पूरा स्टेडियम 'भारत माता की जय' के नारों से गूंज उठा. यह पल सिर्फ एक जीत नहीं था, बल्कि दशकों के संघर्ष, मेहनत और समर्पण का फल था.
भारत की शेरनियों ने आखिरकार 47 साल के लंबे इंतजार के बाद इतिहास रच ही दिया. फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर बॉलिंग चुनी. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट खोकर 298 रन बनाए. शेफाली वर्मा ने 87, दीप्ति शर्मा ने 58, स्मृति मंधाना ने 45 और ऋचा घोष ने 34 रन बनाए. साउथ अफ्रीका से आयाबोंगा खाका ने 3 विकेट लिए. बड़े टारगेट के सामने साउथ अफ्रीका टीम 246 रन बनाकर ऑलआउट हो गई.
शानदार बल्लेबाज़ी से बना मजबूत स्कोर
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम ने शुरुआत से ही आत्मविश्वास दिखाया. ओपनर जोड़ी ने धैर्य और आक्रामकता का संतुलन बनाए रखा. स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने सटीक शॉट्स लगाकर टीम को ठोस नींव दी. मिडिल ऑर्डर में हरमनप्रीत कौर और अमनजोत कौर ने जिम्मेदारी से खेलते हुए स्कोर को चुनौतीपूर्ण स्तर तक पहुंचाया. टीम की साझेदारियों ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज़ों पर लगातार दबाव बनाए रखा.
भारतीय गेंदबाजों की सटीक रणनीति
लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम ने शुरुआत तो संभली हुई की, लेकिन भारतीय गेंदबाजों की योजनाबद्ध रणनीति के आगे टिक नहीं पाई. रेणुका सिंह, श्री चरणी और दीप्ति शर्मा ने बीच के ओवरों में कसी हुई गेंदबाज़ी की और लगातार रन गति पर नियंत्रण रखा. दीप्ति शर्मा ने अपने शानदार स्पैल में चार विकेट झटके, जिनमें एनेरी डर्कसन का क्लीन बोल्ड होना मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
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साउथ अफ्रीका का संघर्ष
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से लॉरा वोल्वार्ड्ट ने शानदार शतक (97 गेंदों पर 101 रन) जड़ा और टीम की उम्मीदों को जिंदा रखा. एनेरी डर्कसन ने भी कुछ उम्दा शॉट्स लगाए, लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों का अनुशासित प्रदर्शन उन्हें रोकने में सफल रहा. राधा यादव और रेणुका सिंह ने रन गति धीमी की, जबकि शैफाली वर्मा ने अहम मौकों पर विकेट लेकर साउथ अफ्रीका की लय तोड़ दी.
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भारत की शेरनियों ने रचा इतिहास
अंतिम ओवरों में जैसे ही दक्षिण अफ्रीका की आखिरी बल्लेबाज पवेलियन लौटी, भारतीय खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी, दीप्ति शर्मा की गेंदबाज़ी और पूरी टीम की एकजुटता ने इस ऐतिहासिक जीत को संभव बनाया. यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गई.