
आयरिश रग्बी खिलाड़ी लिंडा जूगांग की कहानी काफी प्रेरणादायक है. लिंडा जूगांग इंग्लैंड में खेले जा रहे रग्बी वर्ल्ड कप में आयरलैंड का प्रतिनिधत्व कर रही है. रविवार को फ्रैंकलिन गार्डन्स में जापान के खिलाफ आयरलैंड के पूल सी के पहले मैच के लिए शुरुआती लाइन-अप में जूगांग को शामिल किया गया. क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिए वो स्पेन और न्यूजीलैंड के खिलाफ मैदान में उतरेगी. कभी गूगल पर 'What is Rugby' सर्च करने वाली लिंडा जूगांग अपने सपने, संघर्ष और कड़ी मेहनत से यहां तक पहुंच पायी.
आयरलैंड के लिए 48 मैच खेल चुकी लिंडा जूगांग के लिए एक समय ऐसा भी था, जब उन्हें रग्बी के बारे में न कोई जानकारी थी और ना ही समझ. लेकिन आज वो अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत इस खेल में महारत हासिल कर पायी.
लिंडा जूगांग नौ वर्ष की उम्र में अपनी मां को छोड़कर बेहतर भविष्य की तलाश में कैमरून से आयरलैंड आई और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आयरलैंड के लिए प्रतिनिधित्व करने तक का सफर तय किया. अब लिंडा 29 वर्ष की हो चुकीं. जूगांग ने एक साक्षात्कार में बताया कि कैसे उन्होंने 'बेहतर भविष्य' के लिए अपनी जन्मभूमि छोड़ दी?
जूगांग ने एक साक्षात्कार में कहा, 'एयरपोर्ट पर पिता इंतजार कर रहे थे. मां ने मुझे विमान में बिठाया और मैं अपनी मां को पीछे छोड़ दिया. यह मेरे लिए एक बड़ा कदम था.' उन्होंने आगे बताया, 'वह पल बहुत ही अकेलापन भरा था, लेकिन मुझे एक मौका मिला था और मैं इसका पूरा लाभ उठाना चाहती थी.'
आयरिश रग्बी खिलाड़ी लिंडा जूगांग काउंटी डबलिन में पली-बढ़ी, लेकिन उन्हें रग्बी के बारे में कुछ पता नहीं था. जब वह 17 साल की थीं, तब उन्हें एक दोस्त ने टैग रग्बी खेल के लिए आमंत्रित किया. जिसके बाद उन्होंने 'What is Rugby' गूगल पर सर्च किया. हालांकि लिंडा को इस खेल में तब रुचि आई, जब वो नर्सिंग की पढ़ाई करने के लिए डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज गईं.
लिंडा जूगांग बताती हैं, 'मैंने गूगल पर रग्बी क्या है?' सर्च किया. जब रग्बी खेलना शुरू किया तो मुझे नियम पता नहीं था. रग्बी में बहुत सारे नियम हैं- खेल के पहले दिन मैं लगातार ऑफसाइड हो जाती. दोस्तों ने कहा, 'जब मैं तुम्हें गेंद दूं तो सीधा दौड़ना और गोल करना. मैं जितनी तेजी से भाग सकती थी भागी और गेंद नीचे रख दी. गेंद मेरे हाथ से छूट गई... मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर हुआ क्या? वह मेरा पहला सामना था और मुझे आज भी वह पल याद है. मैं बहुत खुश हूं कि मेरे साथ ऐसा हुआ, क्योंकि यह मेरे लिए इस सफर की शुरुआत थी.'
लिंडा जूगांग के लिए यही पल उनके जीवन की नई यात्रा की शुरुआत था. हालांकि डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई करते हुए रग्बी उनके जीवन का अहम हिस्सा बन गया. साल 2018 में उन्होंने लेइंस्टर के लिए इंटरप्रोविंशियल डेब्यू किया. इसके बाद साल 2019 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेलते समय पहली बार आयरलैंड की जर्सी पहनी. लिंडा जूगांग कहती हैं कि मैं अपने हर कदम पर अपनी जड़ों को याद रखती हूं, क्योंकि यह सिर्फ मेरा सपना नहीं है, यह मेरे पूर्वजों का सपना है.'
मैं जब भी मैदान पर उतरती हूं और जर्सी पहनती हूं तो ये सिर्फ अपने लिए नहीं पहनती... आयरलैंड और कैमरून, दोनों देशों के लिए पहनती हूं. यह उन बच्चों का सपना है जो अपने देश में हैं और जिन्हें यह मौका नहीं मिला. बता दें कि लिंडा साल 2021 वर्ल्ड कप में क्वालीफाई नहीं कर पायी थी.
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