भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप में राहुल द्रविड़ की कोचिंग में खेलेगी. टीम इंडिया ने 2011 के बाद से आईसीसी विश्व कप का खिताब नहीं जीता है. ऐसे में इस बार घर पर हो रहे विश्व कप को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया के फैंस यह उम्मीद जरूर करेंगे कि रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम विश्व कप के सूखे को खत्म करते हुए खिताब अपने नाम करें. वहीं इस विश्व कप के बाद बतौर कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है. ऐसे में सवाल अभी से उठने लगे हैं कि क्या राहुल द्रविड़ विश्व कप के बाद भी टीम इंडिया के कोच बने रहेंगे. बतौर कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल मिला-जुला रहा है. जहां टीम इंडिया आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने में सफल हुईं तो वहीं फाइनल में अश्विन को ड्राप करने का फैसला, किसी को भी समझ नहीं आया, जिसके चलते उनकी आलोचना की गई. राहुल द्रविड़ को रवि शास्त्री के बाद टीम इंडिया का हेड कोच बनाया गया था.
राहुल द्रविड़ की अगुवाई में अगर टीम इंडिया विश्व कप 2023 का खिताब जीतने में सफल होती है तो उस स्थिति में बोर्ड उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने पर विचार कर सकता है. लेकिन आखिरी फैसला राहुल द्रविड़ को लेना है, क्या वो अपना कार्यकाल बढ़ाना चाहते हैं या नहीं. विश्व कप के बाद भारत को दक्षिण अफ्रीका और उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है, ऐसे में राहुल द्रविड़ टेस्ट टीम के कोच बने रह सकते हैं. इसके अलावा टीम इंडिया क्रिकेट के अलग-अलग फॉर्मेट में अलग-अलग कोच रखने पर विचार कर रहा है. इंग्लैंड जैसी टीम के मौजूदा समय में अलग-अलग कोच हैं.
लेकिन अगर टीम इंडिया खिताबी मुकाबले में नहीं पहुंच पाती है तो इसकी गाज राहुल द्रविड़ पर गिर सकती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने को बड़ी उपलब्धि नहीं माना जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, ऐसे में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) नए कोच की तलाश कर सकता है. यह देखना भी दिलचस्प है कि अगर बीसीसीआई द्रविड़ के सामने नया अनुबंध पेश करता है तो क्या वह इसके इच्छुक होंगे या नहीं.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल द्रविड़ की जगह कोच पद के लिए आशीष नेहरा अच्छी पसंद हो सकते हैं क्योंकि आईपीएल में वह काफी सफल रहे हैं लेकिन इस पूर्व तेज गेंदबाज के करीबियों के अनुसार उनकी राष्ट्रीय टीम का कोच बनने में दिलचस्पी नहीं है क्योंकि गुजरात टाइटंस के साथ उनका अनुबंध 2025 के सत्र तक है.
बीसीसीआई के एक पूर्व पदाधिकारी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा,"अगर भारत विश्वकप जीत जाता है तो द्रविड़ हो सकता है एक बड़े खिताब के साथ अपने कार्यकाल का अंत करना पसंद करें. लेकिन अगर आप मुझसे पूछ रहे हो तो मेरा मानना है कि विश्वकप के बाद बीसीसीआई को सभी प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच रखने चाहिए. उन्हें द्रविड़ को टेस्ट टीम का कोच बने रहने के लिए कहना चाहिए."
द्रविड़ को रवि शास्त्री की जगह मुख्य कोच नियुक्त किया गया था लेकिन वह सीमित ओवरों की क्रिकेट में ऐसी कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए जिससे कि यह कहा जा सके कि वह चतुर रणनीतिकार हैं. ऐसी स्थिति में बीसीसीआई अलग प्रारूपों के लिए अलग-अलग कोच रखने के विकल्प पर विचार कर सकता है.
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