जनपद पंचायत मैहर में गुरूवार की दोपहर गुगड़ी ग्राम पंचायत के उप सरपंच ने हडकंप मचा दिया. शिकायत पर जांच न होने से नाराज उप सरपंच गले में रस्सी बांधकर जनपद कार्यालय की बिल्डिंग में चढ़ गया. दूसरी मंजिल में ताला डालकर उप सरपंच फांसी में झूलने की कोशिश करने लगा. हालांकि वहां मौजूद लोगों की नजर जब उस पर पड़ी तो वह रुक गया. काफी देकर तक लोगों ने उसे बातों में उलझाए रखा. इसके बाद मौके पर भीड़ एकत्र हो गई. सूचना के बाद एसडीएम सुरेश जाधव, तहसीलदार और मैहर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई. उप सरपंच को समझाइश देकर नीचे उतार लिया गया. जिसके बाद उसने आरोप लगाया कि उसके आवेदन पर कोई जांच कराई नहीं हो रही है.
उप सरपंच ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत गुगड़ी में वर्ष 2019 से सचिव रावेन्द्र और दूसरी पंचायत का एक व्यक्ति भ्रष्टाचार कर रहा है. कई बार जनपद सीईओ, जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर कार्यालय में लिखित शिकायत की गई, लेकिन कोई जांच नहीं हुई. इसके अलावा आरटीआई का आवेदन करने पर सचिव रावेन्द्र गौतम के द्वारा वापस करा दिया गया. उसने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि प्रकरण में दोषी सचिव को निलंबित कर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए. उसने यह भी कहा कि गांव वालों की सहूलियत के लिए उसके द्वारा एक कच्चा रास्ता बनाया गया था. जिसका भुगतान जानबूझकर रोका जा रहा है.
मौके पर जमा हुए सैकड़ों लोग
सचिव ने दी सफाई
इस मामले में ग्राम पंचायत गुगड़ी के सचिव रावेन्द्र गौतम ने कहा कि उप सरपंच और सरपंच के द्वारा पिछले दिनों शिकायत की गई थी. सरपंच का जब हकीकत से सामना हुआ तो उसने अपनी शिकायत वापस ले ली. अब उसी जांच के लिए उप सरपंच के द्वारा दबाव बनाया जा रहा है. चूंकि उप सरंपच नियम विरूद्ध भुगतान कराना चाहता है. जिस मिट्टीकरण के भुगतान की बात उप सरपंच के द्वारा कही जा रही है उसकी कोई मंजूरी नहीं है. जिस काम की मंजूरी नहीं यदि उसका भुगतान करूंगा तो मेरी गर्दन फंस जाएगी. सचिव ने उप सरपंच के आरोपों को निराधार बताया. साथ ही आरोप लगाया कि उप सरपंच विकास कार्यों में बाधा पहुंचाते हुए कमीशन मांगता है. न देने पर ऐसी शिकायतें की जा रही हैं.
सुरक्षित है उप सरपंच, जांच कराई जाएगी
इस मामले में जब मैहर एसडीएम सुरेश जाधव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उप सरपंच को सुरक्षित नीचे उतारने के बाद उसकी बात सुनी गई. उसके आवेदनों के संबंध में जांच कराई जाएगी. यदि कोई भी भ्रष्टाचार पाया गया तो संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई होगी. वहीं जनपद सीईओ प्रतिपाल बागरी की व्यस्तता के चलते जांच न होने का पक्ष सामने नहीं आ सका.