होमफोटोपीतल की मूर्तियों से लाख की चूड़ियों तक ! GIS में बिखरेगी MP की संस्कृति और हस्तकला
पीतल की मूर्तियों से लाख की चूड़ियों तक ! GIS में बिखरेगी MP की संस्कृति और हस्तकला
GIS में आने वाले निवेशक और मेहमान यहां के कारोबार के साथ-साथ मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपरा से भी रूबरू हो रहे हैं. इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय में लोक नृत्य, पारंपरिक कला और हस्तशिल्प की अनूठी झलक पेश की जा रही है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बना रही है.
मध्य प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2025 का आगाज हो चुका है. GIS में आने वाले निवेशकों और मेहमानों को प्रदेश की कला और संस्कृति से परिचित कराया जा रहा है.
इसके अलावा टीकमगढ़ से पीतल की मूर्तियां व कलाएं भी हैं. कलाकार ने बताया कि टीकमगढ़ में बनी पीतल की मूर्तियां और सजावट का सामान देश और दुनियां में मशहूर है.
यहां बनीं मूर्तियों की डिमांड देश भर में लगने वाले राष्ट्रीय क्राफ्ट बाजार में होती है. जिले के कारीगर हर महानगरों में जाकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं.
GIS में बुधनी में तैयार हुए लकड़ी के खिलौने भी है. यहां आए कलाकार ने बताया कि सीहोर के बुधनी में और आसपास दूधी नाम के पेड़ पाए जाते हैं, जो और कहीं नहीं होते.