विज्ञापन

पासपोर्ट के लिए मां ने बेचे घर के बरतन, कहानी भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान की

भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और पद्मश्री से सम्मानित सबा अंजुम करीम की कहानी काफी प्रेरणादायक है.

  • भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान और पद्मश्री से सम्मानित सबा अंजुम करीम की कहानी काफी प्रेरणादायक है. सबा अंजुम करीम का जन्म 12 जून 1985 को हुआ था. वह छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर के केलाबाड़ी की निवासी हैं. (फोटो: @Twitter/OmPattnayak)
  • सबा अंजुम करीम भारतीय महिला हॉकी टीम की के लिए जूनियर विश्व कप, एशियाई खेल, एशिया कप और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेल चुकी हैं. (फोटो: @Twitter/OmPattnayak)
  • अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित सबा अंजुम जब भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान थीं तब उनकी मां ने घर के बर्तन बेचकर एक हजार रूपये जमा किए थे जिससे पासपोर्ट बना था. (फोटो: @Twitter/ITBP_official)
  • सबा ने दुर्ग से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद तनवीर अकिल के साथ कोचिंग शुरू की. छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद उनका चयन राज्य टीम में हुआ. सबा 2003 में पश्चिमी रेलवे में शामिल हुई थीं. इससे पहले वो साई चंडीगढ़ की तरफ से खलती थीं. (फोटो: @Twitter/OmPattnayak)
  • सबा ने 2000 में हांगकांग में आयोजित अंडर-18 एएचएफ कप में स्वर्ण पदक जीता था. जबकि 2002 में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थीं. (फोटो: @Twitter/OmPattnayak)
  • उन्होंने 2004 में एशिया कप में स्वर्ण पदक जीता था. इसके अलावा 2006 में दोहा में उन्होंने कांस्य जीता था. (फोटो: @Twitter/ITBP_official)