कालाराम से रंगनाथस्वामी मंदिर तक... प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने इन मंदिरों में की पूजा
देशवासियों का 550 साल का इंतजार 22 जनवरी को खत्म हो जाएगा. अयोध्या (Ayodhya) के भव्य राम मंदिर (Ram Mandir)में रामलला (Ramlala) विराजमान होंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मंदिर के साथ-साथ पूरी अयोध्या सज-धज कर दुल्हन की तरह तैयार है. वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी से ही शुरू हो गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान हैं. हालांकि प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने 11 दिवसीय अनुष्ठान की शुरूआत की थी.
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श्री कालाराम मंदिर, नासिक: प्रधानमंत्री मोदी 12 जनवरी, 2024 को महाराष्ट्र के नासिक स्थित काला राम मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने श्री राम कुंड पर भी दर्शन और पूजा की. रामायण का 'युद्ध कांड' खंड, जिसमें भगवान राम की विजयी होकर अयोध्या घर वापसी का चित्रण है, प्रधानमंत्री को मराठी भाषा में सुनाया गया. प्रधानमंत्री ने संत एकनाथ जी द्वारा मराठी में लिखी भावार्थ रामायण के श्लोक भी सुने.
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वीरभद्र मंदिर, लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश: प्रधानमंत्री 16 जनवरी 2024 को आंध्र प्रदेश स्थित पुट्टपर्थी के लेपाक्षी में वीरभद्र मंदिर में दर्शन और पूजा की. प्रधानमंत्री ने तेलुगु भाषा में रंगनाथ रामायण सुनी और आंध्र प्रदेश की प्राचीन छाया कठपुतली कला थोलू बोम्मालता द्वारा चित्रित जटायु की कहानी देखी.
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त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जनवरी, 2024 को केरल के त्रिप्रयार में श्री रामास्वामी के दिव्य निवास का दौरा किया. उन्होंने श्री रामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा की. प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा और कलाकारों और बटुकों को सम्मानित भी किया.
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श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर: श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी तमिलनाडु में अरुलमिगु रामनाथस्वामी के पवित्र निवास रामेश्वरम का दौरा किया. उन्होंने भगवान को श्रद्धा और भक्ति अर्पित की. ये बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक के रूप में पूजनीय हैं. पीएम भजन संध्या जैसे विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए थे. जहां शाम को मंदिर परिसर में कई आध्यात्मिक गीत प्रस्तुत किए गए.
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श्री रंगनाथस्वामी मंदिर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 जनवरी, 2024 को तमिलनाडु में श्री रंगनाथस्वामी के पवित्र मंदिर का दौरा किया. उन्होंने उस पवित्र स्थल पर कंब रामायण की काव्यात्मक प्रस्तुति भी सुनी, जहां प्रसिद्ध कंब रामायण के रचयिता कंबन ने पहली बार अपनी उत्कृष्ट कृति को दुनिया के सामने पेश किया था.