
नारायणपुर के जिला अस्पताल में सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात प्रसूति वार्ड में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई, इससे पहले कोई कुछ समझ पाता तेजी से यह आग प्रसूति वार्ड और एनआईसीयू वार्ड में फैल गई. एनआईसीयू वार्ड में 7 नवजात शिशु को रखा गया था. अचानक हुई इस घटना ने वार्ड में भगदड़ की स्थिति पैदा कर दी. पर उसी दौरान एक महिला स्टाफ ने आश्चर्यजनक तरीक़े से तत्काल हॉस्पिटल में मौजूद अन्य वार्ड बॉय और आया को लेकर सभी नवजात बच्चों और 22 प्रसूता महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया. महिला स्वास्थ्य कर्मचारी का नाम वनिता जैकब बताया जा रहा है, जिसकी सूझबूझ को लेकर सभी जमकर प्रसंसा कर रहे हैं.
शॉट सर्किट से लगी आग
जिला अस्पताल अधीक्षक से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार तड़के सुबह करीब 3 बजे जानकारी मिली कि अस्पताल के प्रसूति वार्ड में अचानक आग लग गई है. और यह आग तेजी से अन्य वार्डो में भी फैल रही थी. अस्पताल के कर्मचारियों ने अग्निशमन यंत्र की सहायता से आग पर काबू पा लिया. प्रथमदृष्टया मामले की जांच करने पर स्विच बोर्ड में शॉट सर्किट होने की वजह से आग लगना मालूम हुआ है. फिलहाल सभी नवजात बच्चों और प्रसूता महिलाओं को सुरक्षित वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. घटनास्थल वाले वार्ड को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है.
किसी भी सरकारी भवन के विद्युत से संबंधित कार्यों के लिए लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी के विद्युत यांत्रिकी को जिम्मेदारी सौंपी जाती है. ऐसे में अस्पताल में हुए शॉट सर्किट के संबंध में जब संबंधित विभाग के एसडीओ चमन ठाकुर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में विद्युत की खपत बढ़ गई है और यह मौजूदा ट्रांसफॉर्मर के लिए ओवरलोड हो गया है. हालांकि विभाग द्वारा एक और ट्रांसफॉर्मर लगाने का प्रस्ताव दिया गया है. जल्द ही इसपर कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
इस मामले पर नारायणपुर के कलेक्टर अजित वसंत से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि केवल अस्पताल भवन के विद्युत संबंधी कार्यों के लिए विद्युत यांत्रिकी विभाग को 40 लाख रुपये दिए गए हैं. आगजनी की घटना के बाद उनके द्वारा विभाग को तत्काल पूरे अस्पताल भवन के वायरिंग की जांच के आदेश दिए गए हैं.