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This Article is From Jul 28, 2023

मुरैना: आदिवासी खुद लड़ेंगे अपने हक की लड़ाई, जिला स्तर पर होगा महापंचायत का आयोजन

एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार जी के नेतृत्व में  कृषि उपज मंडी में 28 ग्राम के आदिवासियों की पंचायत में अब निर्णय लिया है कि जब तक यह समस्या नहीं निराकृत होंगी हम किसी राजनैतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे.  

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मुरैना: आदिवासी खुद लड़ेंगे अपने हक की लड़ाई, जिला स्तर पर होगा महापंचायत का आयोजन
महापंचायत में 28 ग्राम के मुखिया शामिल हुए और पट्टे देने की मांग कर रहे हैं.
मुरैना:

मुरैना जिला के 28 ग्रामों के सैकड़ों आदिवासी महिला एवं पुरुष सहित मुखियाओं की पंचायत आयोजित हुई. कैलारस कृषि उपज मंडी समिति परिसर में आयोजित इस पंचायत में वन भूमि के मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. इसके बाद जिला स्तर पर महापंचायत की जाएगी. इस पंचायत में रणनीति पर चर्चा की गई. इसमें तय किया गया कि प्रत्येक ब्लॉक से एक महिला एवं पुरुष मुखिया तथा ब्लॉक अध्यक्षों का भी चयन किया गया. जिला स्तर के लिए मुरैना जिले के अध्यक्ष रूप में चिरौंजी आदिवासी का चयन किया गया.

 506 वन भूमि के पट्टे के लिए पात्र लोगों की सूची तैयार
महापंचायत में  506 वन भूमि के पट्टे हेतु पात्र हितग्राहियों की सूची तैयार की गई है. आदिवासी भाइयों के नामों का चयन किया गया है. समुदायक  वन भूमि के पट्टे  की लिए सूची बनाई जाएगी,  जिसको आगामी समय में जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया  जाएगा. आगामी  समय में जिला स्तर पर धरना ,आंदोलन एवं एक रैली का आयोजन कर महापंचायत भी मुरैना जिले की कलेक्ट्रेट पर की जाएगी. जिसका सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया.

पंचायत में उठा आदिवासियों से जुड़ा कई मुद्दा
इसके अलावा अन्य मुद्दों को भी सम्मिलित किया गया, जिसमें राजस्व भूमि से संबंधित मुद्दे पेयजल एवं पंचायतों में किए जाने वाले रोजगार का भी मुद्दा उठाया गया.

उदय भान सिंह परिहार एकता परिषद जिला समन्वयक मुरैना ने बताया कि वर्षो से आदिवासियों की अनदेखी की जा रही है. न तो उनके हक अधिकार दिए जा रहे, न ही पेयजल  मिल रहा और न राजस्व के प्रकरणों में कार्यवाही हो रही है.

केवल चुनाव के समय  वोट लेने राजनैतिक दल शराब बांटने और वोट कबाड़ने आते हैं.

जिला स्तर पर बड़े आंदोलन की तैयारियां शुरू
आदिवासियों को सरकार ने एक हजार  रुपए प्रतिमाह देना प्रारंभ किया था, लेकिन 4 माह से वह भी नही मिला है.  बच्चों की शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार जी के नेतृत्व में  कृषि उपज मंडी में 28 ग्राम के आदिवासियों की पंचायत में अब निर्णय लिया है कि जब तक यह समस्या नहीं निराकृत होंगी हम किसी राजनैतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे.  इसके लिए एक बड़ा आंदोलन जिला स्तर पर किया जाएगा जिसकी तैयारिया प्रारंभ हो गई हैं.

महापंचायत में 28 ग्राम के मुखिया हुए शामिल
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष आदिवासी समाज चिरोंजी आदिवासी ने कहा कि आज महापंचायत में 28 ग्राम के मुखिया शामिल हुए हैं.

हम वर्षो से पट्टे देने की मांग कर रहे हैं. हमारे 506 लोगों की सूची है. हमारी सरकार में अनदेखी की जा रही है. हमें पेयजल शिक्षा स्वास्थ्य से वंचित रखा गया है. राजस्व संबंधी प्रकरण नामांतरण बंटवारा, वन भूमि के पट्टे, वन भूमि अधिकार आदि की समस्याओं की सुनवाई नहीं हो रही.

आज हम शपथ ले रहे हे कि यदि हमारी समस्याओं का निराकरण नही हुआ तो आगामी चुनावों में हम राजनैतिक दलों का समर्थन नही करेंगे और अपने हक अधिकारों की लड़ाई खुद लड़ेंगे, इसके लिए जिला स्तर पर बड़ा  आंदोलन होगा.

इस अवसर पर उदयभान सिंह परिहार चिरोंजी आदिवासी , श्यामलाल आदिवासी , धनवंती बाई आदिवासी , रमेश आदिवासी , उदयराज आदिवासी , फूलवती , मनीष , रामावतार मुन्ना , लज्जावती कलावती  बद्री रामनाथ ,प्रीतम, सहित सेकडो आदिवासी मौजूद रहे.इस पंचायत में शाहपुरा, पठानपुरा ,तालपूरा, केमरकला ,बसोरी, बहेरी, सिंगारदे, गोलहरी , चेंटी खेड़ा , देवखोई नवलपुरा, देवकच्छ, नयागांव ,सहराना , कन्हार, धोधा  कलाखेत  ,धोविनी , जादेरू, मानपुर मरा और खड़रिया पूरा  ग्रामों के आदिवासी  शामिल रहे.
 

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