Zero Shadow Day: योग दिवस के दिन यहां परछाई भी छोड़ देगी आपका साथ; जानिए खगोलीय घटना का रहस्य

Zero Shadow Day Dongla Village Madhya Pradesh: डोंगला अब सिर्फ एक गांव नहीं, समय की नई परिभाषा है. जहाँ सूर्य छाया नहीं देता, पर ज्ञान की रोशनी जरूर छोड़ जाता है. 1972 में जब पद्मश्री डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर ने उपग्रह चित्र मंगवाए और पाया कि कर्क रेखा और शून्य देशांतर अब डोंगला की ओर खिसक चुके हैं, तब शायद उन्होंने सोच लिया था कि एक दिन यह गांव पूरे देश के समय का मानक बनेगा.

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Longest Day of The Year, Zero Shadow Dongla: यहां परछाई साथ छोड़ देती है

Longest Day of The Year 2025: क्या आपने कभी किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है, जहां दोपहर में भी इंसान की छाया नहीं बनती? जी हां, मध्य प्रदेश का एक गांव जो अब सिर्फ गांव नहीं बल्कि एक खगोलिक तीर्थ बन गया है. उसका नाम है डोंगला. उज्जैन से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित डोंगला गांव में भारत की छठवीं और अद्भुत वेधशाला बन रही है. ये वो जगह है, जहां खगोलशास्त्र, ज्योतिष, विज्ञान और आध्यात्म सब एक हो जाते हैं. 21 जून को डोंगला की वराहमिहिर वेधशाला में मख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एक प्लेनेटोरियम का लोकार्पण करेंगे. इस दौरान यहां खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा” विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी. जिसमे देश के कई खगोलशास्त्री शामिल होंगे.

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क्यों परछाई छोड़ देती है साथ?

राजा विक्रमादित्य की नगरी उज्जैन में समय की गणना का केंद्र अब खिसककर एक छोटे से गांव डोंगला की गोद में आ गया है. यह वही डोंगला है, जहाँ हर साल 21 जून को ठीक दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर छाया तक छिप जाती है. विज्ञान इसे शून्य छाया बिंदु कहता है. डोंगला गांव से कर्क रेखा गुजरती है, इसलिए ये गांव खगोल विज्ञान और ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि से महत्तवपूर्ण रहा है. और अब इस रहस्य को विज्ञान की आंख से देखने के लिए खड़ी हो चुकी है वराहमिहिर वेधशाला.

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इस दिन सूर्य की किरणें लंबवत होंगी, यही वजह है कि व्यक्ति का साया कुछ पल के लिए नजर नहीं आता है.

ये यंत्र लगे हैं यहां?

यहां पाँच ऐसे यंत्र लगे हैं जो समय और आकाशीय घटनाओं को केवल मापते नहीं, महसूस भी कराते हैं.

Dongla Observatory Ujjain: शंकु यंत्र
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

शंकु यंत्र : एक छड़ीनुमा यंत्र, जो सूर्य की छाया से समय और अक्षांश तय करता है.

Dongla Observatory Ujjain: डोंगाला वेधशाला
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

भित्ति यंत्र : दीवार जैसा यंत्र, जो सूर्य और चंद्रमा की ऊंचाई बताता है.

Dongla Observatory Ujjain: सम्राट यंत्र
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

सम्राट यंत्र : एक विशाल त्रिकोणाकार धूपघड़ी, जो सौर समय बताती है.

नाड़ी वलय यंत्र : ग्रहों की दिशा और गति मापने वाला पारंपरिक यंत्र.

Dongla Observatory Ujjain: भास्कर यंत्र
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

भास्कर यंत्र : पृथ्वी के झुकाव और ध्रुव तारे की स्थिति बताने वाला यंत्र.

यहां जो तारामंडल बना है उसमें 55 दर्शक एक साथ ब्रह्मांडीय घटनाएं देख सकते हैं. 8 मीटर व्यास वाले एफआरपी डोम में E-Vision 4K प्रोजेक्टर और डिजिटल साउंड के साथ.
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क्या कहते हैं अफसर?

उज्जैन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह का कहना है कि 21 जून को सीएम डोंगला पहुंचेंगे. यहाँ पर दोपहर में 12: 28 मिनट पर छाया को गायब होते देखा जा सकेगा. इस दौरान यहाँ पर होने वाली कार्यशाला में जाने माने विद्वान उपस्थित होंगे. राष्टीय कार्यशाला होगी देश के कोने-कोने से वैज्ञानिक और खगोल विज्ञान से जुड़े विद्वान आएंगे. डोंगला काल गणना का मुख्य केंद्र है इसे देखने के लिए सभी को यहाँ पर आना चाहिए.

ये वेधशाला केवल देखने का केंद्र नहीं. भविष्य की शिक्षा का मंदिर है. यहाँ बच्चों की तारों से दोस्ती कराई जाती है. एक 200 सीट वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, 20 इंच व्यास की प्लेनवेव दूरबीन, जो प्रदेश की सबसे लंबी टेलीस्कोप है और एक डिजिटल प्लेनेटोरियम. सब मिलकर एक सपना दिखाते हैं, जिसमें आकाश को छूने की चाह है.

1972 में जब पद्मश्री डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर ने उपग्रह चित्र मंगवाए और पाया कि कर्क रेखा और शून्य देशांतर अब डोंगला की ओर खिसक चुके हैं, तब शायद उन्होंने सोच लिया था कि एक दिन यह गांव पूरे देश के समय का मानक बनेगा.

डोंगला अब सिर्फ एक गांव नहीं, समय की नई परिभाषा है. जहाँ सूर्य छाया नहीं देता, पर ज्ञान की रोशनी जरूर छोड़ जाता है. जहाँ यंत्र धातु से नहीं, परंपरा से बने हैं. जहाँ भविष्य सिर्फ सपना नहीं, शोध है. जहाँ आज की तारीख़ — बीते कल के आधार पर — आने वाले कल को दिशा दे रही है. तो अगली बार जब आप घड़ी देखें या पंचांग पलटें — याद रखिएगा, कहीं दूर उज्जैन के पास डोंगला गांव में एक वेधशाला है. जो समय की सांसों को माप रही है. और हां, अगर कभी 21 जून को दोपहर 12:28 बजे बाहर हों — तो अपनी छाया ढूंढ़िएगा. शायद वो आपको डोंगला जाने को कह रही हो.

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