-5° में कड़कड़ाती ठंड और कठिन सफर ! MP के योगेश ने हिमालय पर ऐसे फहराया तिरंगा 

Independence Day : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बुरहानपुर (Burhanpur) के रहने वाले योगेश ने 15 अगस्त के मौके पर हिमाचल की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा (Tiranga) फहराकर तमाम लोगों के लिए मिसाल कायम की.

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MP के योगेश ने हिमाचल की ऊंची पहाड़ी पर फहराया तिरंगा, कैसा रहा अनुभव ?

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बुरहानपुर (Burhanpur) के रहने वाले योगेश ने 15 अगस्त के मौके पर हिमाचल की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा (Tiranga) फहराकर तमाम लोगों के लिए मिसाल कायम की. बता दें कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की सबसे ऊंची पहाड़ी यूनम (Unum Mountain) की ऊंचाई 6150 मीटर है.  11 पर्वतारोही लोगों की टीम ने इस ऊंची पहाड़ी पर राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराने का टास्क लेकर अपनी चढ़ाई शुरू की. इस टीम में अकेले मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के रेहनेव अले युवक योगेश सुरजिया भी शामिल रहे. योगेश ने बताया कि इस पहाड़ी पर माइनस 5 डिग्री तापमान और पूरा पहाड़ी इलाका सूखा होने के कारण टीम के सिर्फ 4 सदस्य ही इस ऊंची पहाड़ी पर पहुंच सके. हमने राष्ट्रध्वज तिरंगा फहरा कर काफी गर्व महसूस किया. हमारे अन्य साथियों ने हिम्मत हार दी, लेकिन उनकी हौसला बढ़ाने के चलते हम चार सदस्य हमारे लक्ष्य तक पहुंच पाए.

ऊंची पहाड़ी पर चढ़ाई आसान नहीं

पर्वतारोही योगेश ने बताया कि इस ऊंची पहाड़ी पर चढ़ना कोई आसान टास्क नहीं है. हमारे टीम में अलग-अलग राज्यों के 11 सदस्य शामिल थे. जब हमने चढ़ाई शुरू की तो पहाड़ी सूखी थी. बर्फ नहीं होने से नमी नहीं थी. ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल काफी कम होता है और पानी की भी कमी होती है. ऐसे हालात में चढ़ाई करना काफी मुश्किल हो रहा था. हमारे अन्य साथी हिम्मत हार गए, लेकिन उनके हौसला बढ़ाने के कारण हम 4 सदस्य ही इस ऊंची पहाड़ी पर पहुंच पाए और हमने राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराया.

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सफर में सिर्फ चार घंटे की ली नींद

माउंटेन मैन बने योगेश ने मध्य प्रदेश के साथ-साथ बुरहानपुर का नाम भी रोशन किया है. योगेश ने बताया कि पहाड़ पर चढ़ाई के लिए शरीर को उसकी जलवायु के अनुसार तैयार करना पड़ता है. हम रात 10 बजे चढ़ाई शुरू करते थे, जो सुबह 10 बजे तक जारी रहती थी. उसके बाद कैंप लगाकर स्टे करते थे, चार घंटे से ज़्यादा नींद नहीं लेते थे.

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चोटी पर सिर्फ कुछ समय बिताया

साथ में 15 किलो का वजन रहता था. इसमें टेंट, ट्रिपिंग बैग, खाने-पीने का सामान, कपड़े, भोजन, ऑक्सीजन रहता था. चोटी पर पहुंचने के बाद महज 1 घंटा यहां बिताया. क्योंकि ज्यादा समय वहां नहीं रह सकते थे. मौसम खराब रहा तो दस मिनट में ही उतरना पड़ता. यूनम पहाड़ी की ऊंचाई पर तिरंगा फहराने के बाद हमने वहां एक घंटा बिताया और उतर गए. हमें उतरने में तीन दिन का समय लगा.

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माउंट एवरेस्ट पर फहराएंगे तिरंगा

योगेश ने बताया कि उन्होंने यह चौथी बार किसी पहाड़ी पर चढ़ाई की है. इससे पहले माउंट फ्रैंडशिप पीक विजय कर चुके हैं. फिर 18 हजार फीट पर शेटीधार तक पहुंचकर तिरंगा लहराया. अब हिमाचल प्रदेश के माउंट यूनम पर गए. उन्होंने बताया कि 2016 में मनाली जाने पर ट्रैकिंग पर गए थे. यहां से पहाड़ पर चढ़ने की रुचि लगी. 2019 में अटल बिहारी वाजपेयी माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट से पहाड़ी पर चढ़ाई की बारीकियां और गुर सीखे हैं. योगेश का अगला लक्ष्य अब माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना है, जिसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं.

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