Year Ender 2023: वर्ल्ड रिकॉर्ड, लाडली बहना योजना व चीतों से लेकर शिवराज की विदाई तक ये खबरें रहीं न्यूजमेकर

Happy New Year 2024 : मध्य प्रदेश के लिए 2023 कई मायनों में यादगार रहा. लगभग 18 वर्षों तक सत्ता का नेतृत्व करने के वाले शिवराज सिंह चौहान को सीएम का पद नहीं मिला. वहीं कई सीनियर लीडर्स को पछाड़ते हुए मोहन यादव के नाम ने सबको चौंका दिया. इसके साथ ही और भी कई खबरें है जो मध्य प्रदेश के लिए न्यूज मेकर बनीं.

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Madhya Pradesh News Flashback 2023 : मध्य प्रदेश के लिए 2023 कई मायनों में अहम रहा. चुनावी राज्य होने की वजह से जहां एक ओर नई योजनाएं और घोषणाएं देखने को मिलीं वहीं दूसरी ओर कुछ घटनाएं ऐसी भी रहीं जो सुर्खियां बनीं. यहां हम आपको 2023 की मध्य प्रदेश से जुड़ी कुछ ऐसी ही खबरों के बारे में बता रहे हैं जिनकी चर्चा प्रदेश के साथ-साथ देश में भी हुई.

  
23 जनवरी : भोपाल के बच्चों ने हांगकांग का रिकॉर्ड तोड़ा

8वें इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल के दौरान हांगकांग का रिकॉर्ड तोड़ कर भोपाल के छात्रों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया. भोपाल में आयोजित इस साइंस फेस्टिवल में 1600 स्टूडेन्ट ने ऐरो रोबोट डिजाइन करते हुए यह रिकॉर्ड बनाया.

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18 फरवरी : महाशिवरात्रि पर उज्जैन में बना रिकॉर्ड

उज्जैन वासियों ने विश्व रिकार्ड बना कर जन-भागीदारी का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया. उज्जैन की जनता ने महाशिवरात्रि के अवसर पर रामघाट, दत्त अखाड़ा, नृसिंह घाट, गुरूनानक घाट, सुनहरी घाट, भूखीमाता घाट पर एक साथ 18 लाख 82 हजार 229 दीप प्रज्ज्वलित कर नया विश्व रिकार्ड स्थापित किया. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित होने का प्रमाण-पत्र सौंपा था.

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5 मार्च : लाड़ली बहना योजना लॉन्च

2023 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की इस योजना की चर्चा देशभर में हुई. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लॉन्चिंग मौके पर कहा था “लाड़ली बहना योजना मेरे दिल से निकली योजना है. बहने सशक्त होंगी तो परिवार, समाज, प्रदेश और देश सशक्त होगा. बहनों के जीवन को सरल, सुखद बनाना ही मेरे जीवन का ध्येय है. बहने अपनी छोटी-मोटी जरूरतों और पैसों की आवश्यकता के लिए परेशान न हो, इसलिए हर महीने बहनों को एक-एक हजार रूपए उपलब्ध कराने की व्यवस्था योजना में की गई है. इस योजना में एक हजार रुपये की राशि को 3000 रुपये तक ले जाने की बात कही गई है. इस समय 1250 रुपये दिए जा रहे हैं.” 

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29 मार्च : पहली बार भारत की धरती पर नामीबियाई मादा चीता ने शावकों को दिया जन्म

वन्य-प्राणी जगत के लिए 29 मार्च 2023 का दिन बड़ी सौगात लेकर आया था. कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ी गई 3 वर्ष की नामीबियाई मादा चीता ‘सियाया' ने चार चीता शावकों को जन्म दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितम्बर 2022 को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीका से लाए गए चीते छोड़े थे. इन नर और मादा चीतों द्वारा पहली बार भारत भूमि पर वंश वृद्धि की गई है.

1 अप्रैल :  एमपी की पहली वंदे भारत ट्रेन

एक अप्रैल का दिन मध्यप्रदेश के लिए कई मायने में ऐतिहासिक दिन रहा. 2023 में इस दिन से शराब की दुकानों से लगे शराब पीने के सारे अहाते बंद कर दिए गए. इसी दिन एमपी की पहली वंदे भारत ट्रेन को पीएम ने हरी झंडी दिखाई.

13 अप्रैल : हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा

मध्य प्रदेश के श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में विभिन्न तीर्थ-स्थलों की यात्राएँ वायुयान से भी कराने का आदेश जारी. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जो मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में बुजुर्ग तीर्थ-यात्रियों को हवाई जहाज से तीर्थ-यात्रा करा रहा है.

21 अप्रैल : बुरहानपुर बना देश में पहला हर घर जल सर्टिफाइड जिला

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले को जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन में देश में सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला. बुरहानपुर जिले ने जल जीवन मिशन से हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुँचाने की अभूतपूर्व और गौरवपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है. बुरहानपुर को देश में पहला हर घर जल सर्टिफाइड जिला बनने का गौरव प्राप्त हुआ है.

12 मई : पशुओं के इलाज के लिए भी एम्बुलेंस

पशुओं के इलाज के लिए टोल फ्री नं. 1962 जारी किया गया. बीमार पशु को अस्पताल तक ले जाना बड़ी समस्या होती थी. अब इन एम्बुलेंस के आने से पशु चिकित्सालय स्वयं पशुपालक के द्वार पर उपस्थित होगा. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों एवं सभी विकासखंड के लिए 406 पशु चिकित्सा एम्बुलेंस को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया गया.

10 जून : लाड़ली बहना की पहली किस्त जारी

जबलपुर में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में बहनों के खातों में मासिक राशि अंतरित करने के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान लाड़ली बहनों के बैंक खातों में योजना की पहली किस्त भेजी गई. सिंगल क्लिक के माध्यम से 1.25 करोड़ बहनों के खाते में कुल 1209.64 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की गई थी. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने कहा था कि लाड़ली बहनों को मिलने वाली मासिक 1000 की राशि बढ़कर क्रमश: 3000 रूपए होगी.

1-2 अगस्त : लगातार चीतों की मौत से चिंता बढ़ी, एमपी फिर टाइगर स्टेट

कूनो नेशनल पार्क में मादा चीतों में से एक मृत पायी गई. पार्क में पिछले चार महीने में नौ चीतों की मौत हुई. 26 मार्च से अगस्त के पहले सप्ताह तक 9 चीतों की मौत हुई. देश में सबसे अधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में होने से एक बार फिर टाइगर स्टेट बना एमपी.

22 अगस्त : मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना लॉन्च

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना लॉन्च की गई. मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया था कि यह अपने आप में एक अद्भुत योजना है, जो युवाओं को सीखने के लिए प्रेरित करती है, जिससे उनकी स्थाई नौकरी का महत्व प्रशस्त होगा, साथ ही सीखने की प्रक्रिया के दौरान ही उनकी आजीविका भी चलती रहे, इसकी व्यवस्था भी योजना में है. प्रदेश में युवाओं के लिए आज एक नई पहल की शुरुआत हो रही है.

23 अगस्त : इंदौर स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में भी देश में प्रथम

इंदौर ने देश में एक बार फिर सफलता का परचम फहराया. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2023 में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में इंदौर ने प्रथम, भोपाल ने 5वां, जबलपुर ने 13वां और ग्वालियर ने 41वां स्थान प्राप्त किया. स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2023 में दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रथम पाँच में से दो पुरस्कार मध्यप्रदेश के खाते में गये. इंदौर को पहला, आगरा को दूसरा, ठाणे को तीसरा, श्रीनगर को चौथा और भोपाल को 5वां स्थान मिला.

1 सितंबर : यूरोप की सबसे ऊँची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुज' पर लहराया तिरंगा

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर (वित्त) वरुण वडेरिया ने यूरोप की सबसे ऊँची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुज' पर तिरंगा लहराया. वडेरिया ने इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर क्लाइबिंग एंड माउंटेनियरिंग से मान्यता प्राप्त संस्था नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ उत्तराकाशी से माउंटेनियरिंग कोर्स किया है. वडेरिया ने बताया कि समुद्र तल से 5642 मीटर ऊँचे ‘माउंट एल्ब्रुज' पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण रही. ऊँचाई पर तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है और हवा का बहाव काफी तेज होता है. चोटी की खड़ी चढ़ाई में हवा और ठंड आपकी कठोर परीक्षा लेती है. इसलिये यह यूरोप की न सिर्फ सबसे ऊँची चोटी है बल्कि चुनौतीपूर्ण भी है.

6 सितंबर : साँची बनी देश की पहली सोलर सिटी

रायसेन जिले में स्थित विश्व धरोहर स्मारक स्थल साँची को पहली सोलर सिटी के रूप में लोकार्पित किया गया. साँची सोलरसिटी से वार्षिक 14 हजार टन से अधिक कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 2 लाख 38 हजार से अधिक पेड़ों के बराबर है. ईकोफ्रेंडली सुविधाओं से पर्यावरण प्रदूषण रूकेगा. ई-व्हीकल को बढ़ावा दिया गया है. चार कमर्शियल चार्जिंग पाइंट तथा तीन ई-रिक्शा चार्जिंग पाइंट स्थापित कर दिए गए हैं. बैटरी वाहनों के चलने से 9 लाख से अधिक मूल्य के डीजल की भी बचत होगी.

3 अक्टूबर : जो आया, वो वापस आया TVC ने IATO सम्मेलन में जीता प्रथम पुरस्कार

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लॉन्च किये गए नए TVC ‘जो आया, वो वापस आया, ये है एमपी की माया' को  12 दिन बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (IATO) के वार्षिक सम्मेलन में डिजिटल मीडिया एडवरटाइजिंग कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार मिला.

नवंबर-दिसंबर : बयानबाजी का दौर, मामा का भावुक अंदाज, कांग्रेस में कुर्ता फाड़

नवंबर महीने में चुनावी महौल चरम पर था. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस द्वारा जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए. इस दौरान शिवराज सिंह चौहान का भावुक अंदाज देखने को मिला. एक सभा में तो उन्होंने कहा था कि लाडली बहनों अगर तुम्हारा भाई चला गया तो बहुत याद आएगा. चुनाव प्रचार के दौरान सीएम को बहना ने अंगूठी दी, सीताफल खिलाया, नजर उतारी. अक्टूबर में कमलनाथ ने कुर्ता फाड़ने को लेकर जो बात कही उससे नवंबर तक सियासत गर्म रही. इसके अलावा मुख्यमंत्री की विदाई और डॉ मोहन यादव की ताजपोशी की खबरें भी सुर्खियां बनी.

इन खबरों की भी जमकर चर्चा रही

  • देश में पहली बार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा राज्य के सभी जिला और तहसील अदालतों के लिए कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग तकनीकी व्यवस्था का शुभारंभ किया गया.
  • ब्रेन डेड पेशेंट के परिवारजनों ने ऑर्गन डोनेशन का निर्णय लिया. उसके बाद जबलपुर से भोपाल के बीच ऑर्गन ट्रांसफर के लिए 650 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बना.
  • 21 साल पहले कटनी में एक प्री मैच्योर नवजात बच्ची का जन्म हुआ इलाज के लिए जबलपुर लाया गया. जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन दे देने से उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी, आखिरकार लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उपभोक्ता फोरम ने बच्ची के पिता को लगभग 85 लाख रुपए बतौर हर्जाना देने का निर्णय सुनाया.

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