Women Blind T-20 World Cup winner Sunita Sarathe reached Pipariya Nayagaon: भारत की दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार टी-20 विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा है. इस ऐतिहासिक जीत में मध्य प्रदेश की तीन खिलाड़ियों का अहम योगदान रहा, जिनमें नर्मदापुरम जिले के पिपरिया नयागांव की सुनीता सराठे भी शामिल हैं. गुरुवार देर शाम सुनीता सराठे नर्मदापुरम जिले के पिपरिया नयागांव पहुंची. इस दौरान मंगलवारा चौक पर हिंदू उत्सव समिति और आम लोगों ने उनका स्वागत किया.
महिला ब्लाइंड टी-20 विश्व कप में सुनीता सराठे का रहा अहम योगदान
सुनीता सराठे ने महिला ब्लाइंड टी-20 विश्व कप के फाइनल में अपने थ्रो से नेपाल का पहला विकेट चटकाकर टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
सुनीता सराठे ने बताया कि वह तीन साल से क्रिकेट खेल रही हैं और मध्य प्रदेश से उनका चयन विश्व कप के लिए हुआ था. उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में भारत के लिए कुल आठ विकेट लिए. विश्व कप जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें लड्डू खिलाकर बधाई दी थी.
सुनीता ने कहा कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है और यदि लक्ष्य बनाकर काम किया जाए तो हर मंजिल आसान हो जाती है.
फाइनल में मध्य प्रदेश की तीन खिलाड़ी खेलीं
महिला ब्लाइंड टी-20 विश्व कप का फाइनल मुकाबला 23 नवंबर को भारत और नेपाल के बीच श्रीलंका में खेला गया था. नेपाल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट पर 115 रन बनाए थे. भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाते हुए लक्ष्य को 12.1 ओवर में तीन विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया. इस गौरवपूर्ण सफलता में मध्य प्रदेश की दमोह की सुषमा पटेल, नर्मदापुरम (पिपरिया) की सुनीता सराठे और बैतूल की दुर्गा येवले का भी अहम योगदान रहा.
सुनीता के पिता हैं छोटे किसान
सुनीता सराठे के परिवार में उनकी इस उपलब्धि से खुशी का माहौल है. उनके पिता मनोहर सराठे एक छोटे किसान हैं. गृह नगर पहुंचने पर सुनीता ने दुर्गा मंदिर और काली मंदिर में दर्शन किए.
इस दौरान पूर्व विधायक हरिशंकर जायसवाल, पूर्व सरपंच सुरेश पटेल, हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष श्याम सुंदर सोनी, धर्मेंद्र बल्दुआ, गिरधर मल, फईम अब्दुल्ला, उदय राजपूत, शरद चौधरी सहित कई खिलाड़ी और नगरवासी उनके स्वागत में उपस्थित रहे. हथवास और आरएनए स्कूल में भी खिलाड़ियों ने उनका स्वागत किया.
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