क्या अब MP-छत्तीसगढ़ में बंद हो जाएगा बुलडोजर एक्शन ? जानिए अब भी कहां-कहां खुले हैं रास्ते

Bulldozer action in MP: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार यानी 13 नवंबर को देशभर में बुलडोजर एक्शन पर ऐतिहासिक फैसला दिया. कोर्ट ने साफ कहा कि गंभीर अपराधों के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती. देशभर में इस फैसले को लेकर चर्चा है. लेकिन सवाल ये है क्या अब बुलडोजर एक्शन पर पूरी तरह से ब्रेक लग जाएगा, क्या अब भी इसके लिए रास्ते खुले हुए हैं?

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

SC on Bulldozer action: देश के अलग-अलग राज्यों में जारी बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने बुधवार को अहम फैसला दिया. देश की सबसे बड़ी अदालत ने बुलडोजर से लोगों के घर गिराए जाने को असंवैधानिक बताया है. अदालत ने कहा कि यदि कार्यपालिका किसी व्यक्ति का मकान केवल इस आधार पर गिरा देती है कि वह अभियुक्त है, तो यह कानून के शासन का उल्लंघन है. सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा कि गंभीर अपराधों (Serious Crimes) के आरोपी और दोषी के खिलाफ भी बुलडोजर की कार्रवाई बिना नियम का पालन किए नहीं की जा सकती. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आपको ऐसा लग सकता है कि देश में बुलडोजर एक्शन पर पूरी तरह से ब्रेक लग जाएगा तो ये पूरा सच नहीं है. सवाल उठता है कि अभी भी कहां-कहां बुलडोजर एक्शन पर पाबंदी नहीं है? इस रिपोर्ट में इसी को समझने की कोशिश करते हैं. 

90 के दशक में शुरु हुआ था MP में बुलडोजर एक्शन

वैसे मध्यप्रदेश के संदर्भ में देखें तो इसे समझना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि देश में यूपी के बाद सबसे ज्यादा करीब 259 बार बुलडोजर एक्शन एमपी में ही हुआ है. एमपी में बुलडोजर एक्शन की शुरुआत 90 के दशक में हुई थी. उस समय बुलडोजर विकास का प्रतीक था. पूर्व सीएम बाबूलाल गौर ने पटवा सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया था. 15 महीने के कार्यकाल में कमलनाथ सरकार ने माफिया के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया। जब एमपी में शिवराज सरकार की वापसी हुई तो बुलडोजर की स्पीड बढ़ गई. शिवराज ने एक बार कहा भी था- गुंडो और अपराधियों के मकान खोद कर मैदान बना दूंगा. मामा का बुलडोजर अब रुकने वाला नहीं है. बाद में डॉ. मोहन यादव सरकार में बुलडोजर एक्शन देखने को मिला. 

किन मामलों नहीं लागू होगा आज का फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बताया है कि सड़क, फुटपाथ, रेलवे लाइन या जल निकाय पर अनाधिकृत कब्जे की स्थिति में बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा सकता है. सर्वोच्च अदालत ने कहा- हम साफ करते हैं कि ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे जहां सड़क,गली,फुटपाथ,रेलवे लाइन से सटे या किसी नदी या जल निकाय जैसे किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई गैरकानूनी निर्माण है. इसके साथ ही अदालत ने आगे कहा कि आज का फैसला उन मामलों में भी लागू नहीं होगा, जहां न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया है.   
ये भी पढ़ें: अकेले ही भेड़िये से भिड़ गईं छिंदवाड़ा की भुजलो देवी, बहादुरी से प्रभावित होकर सीएम मोहन ने भेजा इनाम