Water Crisis in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई ज़िलों में मौसम का मिजाज बदलते ही लोगों को पीने के पानी की चिंता सताने लगती है. ऐसा ही हाल रतलाम ज़िले का है. रतलाम में गर्मी की दस्तक ने जलसंकट को भी न्यौता दे दिया है. आलम ऐसा है कि कई गांव के लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. NDTV की टीम ने रतलाम का दौरा किया और स्थानीय लोगों से बात की. रतलाम के जुलवानिया गांव में में गर्मी की दस्तक के साथ बड़ा जल संकट शुरू हो गया है. ढाई आबादी वाले इस गांव में पेयजल के नाम पर एक हैंडपंप है. इस नाममात्र हैंडपंप की हालत इतनी खराब है कि इसमें से पानी नहीं आता... और अगर कभी-कभार पानी आ भी जाता है तो इससे गांव वालों को पानी भरने अपनी बारी का इंतज़ार करना पड़ता है.
शासन-प्रशासन को नहीं कोई सरोकार
रतलाम के इस गांव की हालत देखते हुए कलेक्टर राजेश बाथम ने पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है. इस गांव में कुल 445 परिवार रहते हैं जिनकी आबादी कुल ढाई हजार है. गांव से थोड़ी दूरी पर PHE ने दो-तीन साल पहले हैंडपंप लगवाए थे जो अब पूरी तरह से सूख चुके हैं. इसके अलावा यहां मौजूद इकलौते हैंडपंप में काफी मशक्कत के बाद पानी आता है और पानी भी साफ नहीं है. जुलवानिया पंचायत के सह सचिव ईश्वर मईडा ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर कई बार पाक विभाग को शिकायत की गई मगर PHE विभाग की तरफ से हमेशा एक जवाब मिलता है की हां करवाते हैं.
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बूंद-बूंद पानी को तरसते गांव के लोग
पानी की किल्लत मोहल्ले वाले परेशान है. कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. शासन-प्रशासन ने वादा किया था कि हैंडपंप हो जाएगा लेकिन हालात अब तक जस के तस है. जुलवानिया गावं में ज़्यादातर आबादी ऐसी है जिसमें रोज कमाने-खाने लोग वाले रहा करते हैं. पानी की समस्या से अक्सर इन्हें परेशान रहना पड़ता है. आस-पास के लोगों का कहना है कि अभी सिर्फ गर्मी की शुरुआत हुई है और अभी से ही ये हाल है. ऐसे में जब आने वाले समय में चिलचिलाती गर्मी पड़ेगी तब क्या होगा?