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जिप्सी से लोगों ने किया बाघों का दीदार! ऐसा है MP के इस टाइगर रिज़र्व का नज़ारा

हर साल जुलाई से सितंबर तक कोर में बारिश के चलते पर्यटन बंद रहता है और 1 अक्टूबर से ही पार्क के गेट खुलते हैं. ऐसे में तमाम पर्यटकों को यहां घूमने का बेसब्री से इंतजार रहता है.

जिप्सी से लोगों ने किया बाघों का दीदार! ऐसा है MP के इस टाइगर रिज़र्व का नज़ारा
जिप्सी से लोगों ने किया बाघों का दीदार! ऐसा है MP के इस टाइगर रिज़र्व का नज़ारा

MP Tiger Reserve Open : मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिज़र्व और नेशनल पार्क आज 1 अक्टूबर से खोल दिए गए हैं. अब कई प्रकृति प्रेमी इन जगहों का दीदार करते हुए प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकेंगे. ऐसे में आज बांधवगढ़ समेत कान्हा, पन्ना, पेंच, संजय डुबरी और STR को भी खोला गया है. बात करें बांधवगढ़ की तो.... यहां टूरिज़्म के नए सीजन की शुरुआत बेहद शानदार तरीके से हुई. गेट खुलने के पहले ही दिन पार्क पर्यटकों से गुलज़ार रहा. यहां का नज़ारा देख प्रतीत हुआ जैसे वन्यजीव प्रेमियों के लिए आज का दिन किसी त्योहार से कम नहीं है. इसके पीछे की वजह भी बेहद अनोखी बताई जा रही है. करीब तीन महीने के बाद बांधवगढ़ के कोर जोन में फिर से सफारी शुरू हो रही है. ऐसे में अब पर्यटकों को फिर से बजरंग, स्पॉटी, महामन मेल और भीम जैसे बाघों का दीदार हो पाएगा.

लोगों ने उठाया सफारी का लुत्फ

दरअसल, हर साल जुलाई से सितंबर तक कोर में बारिश के चलते पर्यटन बंद रहता है और 1 अक्टूबर से ही पार्क के गेट खुलते हैं. ऐसे में तमाम पर्यटकों को यहां घूमने का बेसब्री से इंतजार रहता है. आज पहले दिन यहां के प्रबंधन ने जिप्सियों को हरी झंडी दिखाकर सफारी के लिए गाड़ियों को जंगल की तरफ रवाना किया. बता दें कि मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पूरी दुनिया में अपनी बाघ सघनता के लिए मशहूर है. यहां प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्वो की तुलना में आसानी से बाघ दिख जाते हैं.

आज से रिजर्व में पर्यटन शुरू

आज 1 अक्टूबर से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कोर जोन के तीन गेटों में पर्यटन शुरू हो गया है. पर्यटक कोर जोन के गेट ताला, मगधी और खितौली में वाइल्ड लाइफ का रोमांच नज़दीक से सफारी में अनुभव कर सकेंगे. कोर जोन के तीन गेटों में सुबह से ही जिप्सियां पर्यटकों को सफारी में लेकर घूमती नज़र आई.

मध्य प्रदेश में 785 बाघ है मौजूद

मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट है. 2022 के सर्वे में यहां 785 बाघ पाए गए थे. 2018 के सर्वे में यह संख्या 526 थी. बता दें कि मध्य प्रदेश तीसरी बार टाइगर स्टेट बना. सबसे पहले साल 2006 में टाइगर स्टेट बना था. इसके बाद साल 2018 और 2022 में लगातार दो बार टाइगर स्टेट बना. 

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