Betul: उप स्वास्थ्य केंद्र के निमार्ण को लेकर बवाल; ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों के बीच गालीगलौज व हाथापाई

Corruption Case: गोधना गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि विवाद के चलते कार्य रुक-रुककर चल रहा है, जिससे केंद्र का निर्माण समय पर पूरा होना मुश्किल दिखाई दे रहा है. पुलिस का कहना है कि यदि आगे कोई भी पक्ष शिकायत दर्ज कराता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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Betul: उप स्वास्थ्य केंद्र के निमार्ण को लेकर बवाल; ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों के बीच गालीगलौज व हाथापाई

Betul News: बैतूल जिले में चिचोली ब्लॉक के गोधना गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र भवन के निर्माण को लेकर बुधवार को ठेकेदार और जनप्रतिनिधियों के बीच विवाद गहरा गया. निर्माण कार्य में अनियमितताओं के आरोपों के बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और मौके पर तीखी नोकझोंक हुई. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि गालीगलौज और हाथापाई की नौबत तक पहुँच गई, जिससे ग्रामीणों में भी तनाव का माहौल बन गया. घटना के बाद से गोधना गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि विवाद के चलते कार्य रुक-रुककर चल रहा है, जिससे केंद्र का निर्माण समय पर पूरा होना मुश्किल दिखाई दे रहा है. पुलिस का कहना है कि यदि आगे कोई भी पक्ष शिकायत दर्ज कराता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला?

जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि निर्माणाधीन उपस्वास्थ्य केंद्र में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. उनका कहना है कि भवन निर्माण में घटिया क्वालिटी की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और कई कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं हैं. प्रतिनिधियों के अनुसार, ग्रामीणों ने भी निर्माण की गुणवत्ता पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते वे मौके पर निरीक्षण के लिए पहुँचे थे. इसी दौरान ठेकेदार से विवाद शुरू हो गया.

दूसरी ओर ठेकेदार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उसका कहना है कि जनप्रतिनिधि अनुचित दबाव बना रहे हैं और बार-बार मौके पर पहुँचकर मजदूरों को डराते-धमकाते हैं, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है. ठेकेदार के मुताबिक, वह काम को पूरी गुणवत्ता के साथ कर रहा है, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विवाद बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जा रहा है.

विवाद बढ़ने पर दोनों पक्ष चिचोली थाने पहुँचे, जहाँ पुलिस ने घटना की जानकारी लेकर तथ्यों की जाँच शुरू कर दी है. हालांकि, थाने में न तो ठेकेदार और न ही जनप्रतिनिधियों ने कोई लिखित आवेदन दिया. थाना प्रभारी हरिओम पटेल ने बताया कि दोनों पक्षों में आपसी बातचीत के बाद सहमति बन गई, जिसके बाद वे बिना मामला दर्ज कराए ही थाने से चले गए.

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