Vigyan Manthan Yatra: दिल्ली और चंडीगढ़ जाएंगे भावी वैज्ञानिक, CM मोहन यादव यात्रा को दिखाएंगे हरी झंडी

Vigyan Manthan Yatra: मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं में प्रदेश की भावी वैज्ञानिकों को तलाशने और उनमें विज्ञान शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करने के लिए विगत 16 वर्षो से मिशन एक्सीलेंस का आयोजन किया जा रहा है.

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Vigyan Manthan Yatra: विज्ञान मंथन यात्रा

MPCST Vigyan Manthan Yatra: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (MPCST) की 17 वीं "विज्ञान मंथन यात्रा" (Vigyan Manthan Yatra) के लिए चयनित प्रतिभाशाली भावी वैज्ञानिकों से सोमवार 21 अप्रैल को संवाद करेंगे. कार्यक्रम का आयोजन मुख्यमंत्री निवास में शाम 7 बजे किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यात्रा पर जाने वाले भावी वैज्ञानिकों को सम्मानित करेंगे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव विज्ञान मंथन यात्रा का फ्लैग ऑफ भी करेंगे. विज्ञान मंथन यात्रा के लिए इस वर्ष कक्षा 10वीं से 12वीं विज्ञान विषय में अध्यनरत पूरे प्रदेश के कुल 375 छात्र-छत्राओ का चयन किया गया है. चयन प्रक्रिया में प्रदेश को 5 विभिन्न जोन (ईस्ट, वेस्ट, नार्थ, साउथ व सेंट्रल) में बांटकर प्रत्येक जोन से 75 प्रतिभागियों का चयन किया गया है.

कब से कब तक होगी यात्रा?

17वीं विज्ञान मंथन यात्रा 21 से 27 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी. योजना में चयनित प्रतिभागियों को देश की प्रतिष्ठित प्रयोशालाओं और समर्पित वैज्ञानिकों से रूबरू होने का अवसर मिलेगा. यात्रा उपरांत परिषद् द्वारा आयोजित स्कॉलरशिप परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिलेगा. परीक्षा में सफल होने वाले प्रत्येक कक्षा के 20 चयनित विद्यार्थियों को 5 वर्षों तक 12 हजार रुपए प्रति वर्ष की स्कॉलरशिप प्रदान की जायेगी.

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कैसे हुआ था चयन?

परियोजना प्रभारी डॉ. विवेक कटारे के अनुसार इन प्रतिभागियों का चयन प्रदेश स्तर पर पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित कर किया गया है. उन्होंने बताया कि कक्षा 10वीं के 49 छात्राओं एवं 76 छात्रों, कक्षा 11वीं के 54 छात्राएं तथा 71 छात्रों और कक्षा 12वीं के 48 छात्राएं तथा 77 छात्रों का चयन किया गया है. इन छात्र-छात्राओं के उपयोगी मार्गदर्शन के लिये प्रदेश के विज्ञान विषय के 33 शिक्षकों का भी चयन किया गया है.

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दिल्ली और चंडीगढ़ की यात्रा

इस वर्ष कुल चयनित 375 विद्यार्थियों को 02 समूहों में विभाजित किया गया है, जिनमें से एक ग्रुप चंडीगढ़ जायेगा और दूसरा समूहों दिल्ली स्थित संस्थानों का भ्रमण करेगा. दिल्ली जाने वाले समूहों के विद्यार्थी नेशनल साइंस सेन्टर, नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ प्लांट जीनोमिक रिसर्च, इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीटयूट, राष्ट्रपति भवन और दिल्ली संस्थानों का भ्रमण करेंगे. चंडीगढ़ जाने वाले समूह के विद्यार्थी सेन्ट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रुमेंटस ऑर्गेनाइजेशन, इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, पंजाब स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ फॉर्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, गवर्नमेंट म्युजियम एंड आर्ट गैलरी संस्थानों का भ्रमण और वैज्ञानिकों से साक्षात्कार करेंगे.

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परियोजना प्रभारी डॉ. कटारे ने बताया कि चंडीगढ़ जाने वाले समूह का नाम “सीवी रमन समूह” एवं दिल्ली जाने वाले समूह का नाम “एपीजे अब्दुल कलाम समूह” रखा गया है. “सीवी रमन समूह ” में कक्षा 11वीं और 12वीं एवं “एपीजे अब्दुल कलाम समूह” में 10वीं के छात्र-छात्राए होंगे. दोनों ही समूह मंगलवार 22 अप्रैल को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से प्रातः वन्दे भारत ट्रेन से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. दिल्ली पहुँचने पर प्रदेश के इन सभी भावी वैज्ञानिकों का भव्य स्वागत विज्ञान भारती द्वारा आयोजित कार्यक्रम में किया जायेगा.

कार्यक्रम में प्रदेश से चयनित विद्यार्थियों के दल को किताबी ज्ञान से अलग व्यावहारिक विज्ञान की दुनिया से रूबरू कराया जायेगा. आज हम सभी की उन्नत जीवन शैली विज्ञान के नित नए आविष्कारो पर ही आधारित है. इन आविष्कारों के पीछे नित नये शोध कार्य और इस शोधो को अंजाम देने वाले हमारे कर्मठ वैज्ञानिकों, समर्पित प्रयोगशालाओं आदि के साक्षात् दर्शन से जो वातावरण पैदा होता है, वह विद्यार्थियों के मन में देशप्रेम के साथ-साथ समर्पित वैज्ञानिक के रूप में अपना कॅरियर बनाने की प्रतिबद्धता प्रदान करता है. विज्ञान मंथन यात्रा का मुख्य उद्देश्य उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को, जिनमें विज्ञान के प्रति अभिरुचि है, उनकी पहचान करना एवं उनके द्वारा चयनित क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिये प्रोत्साहित करना है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से चलाये जाने वाले इस कार्यक्रम के माध्यम से चयनित विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी वैज्ञानिक प्रतिभा को चिन्हित कर अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से आगे बढाया जाने का कार्य किया जा रहा है.

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