जी हां ये स्कूल की तस्वीर है, छत गिरने के डर से बच्चों ने छोड़ा स्कूल जाना... शिक्षा विभाग और अधिकारियों पर बड़ा सवाल

MP News: ठर ग्राम के प्रथमिक सेमरा स्कूल की भयानक तस्वीर ली गई तो इसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. स्कूल भवन की छत में एक बड़ा सुराग हो गया है. बताया जा रहा है कुछ दिन पहले छत क्षतिग्रस्त होकर गिर गई. तब से लेकर आज तक मरम्मत का काम नहीं किया गया.

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Madhya Pradesh News: शिक्षा (Education) से बच्चों का भविष्य बनता है. आगे चलकर ये बच्चे ही देश का भविष्य होते हैं. जितना जीवन जीने के लिए अच्छा खाना जरूरी है उतना ही देश के भविष्य के लिए आधुनिक शिक्षा बेहद जरूरी है. लेकिन विदिशा क्षेत्र (Vidisha) के एक स्कूल की तस्वीर देखकर आप भी कहेंगे यहां पढ़ने के लिए तो जान का जोखिम उठाना पड़ेगा. अगर स्कूलों की इतनी भयावाह स्थिति हो सकती है तो फिर शिक्षा विभाग या जिला शिक्षा अधिकारी (Jila Shiksha Adhikari) के होने का क्या मतलब? हमारा देश भी डिजिटल (Digital)दौर में प्रवेश कर चुका हैं लेकिन बढ़ते हाइटेक दौर के साथ शिक्षा प्रणाली की रीढ़ की हड्डी हर साल कमजोर होती जा रही है.

इसका मुख्य कारण सरकार ओर सिस्टम की बड़ी लापरवाही है. जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ रहा है. जिले भर के करीब 49 सरकारी स्कूल भवन दम तोड़ चुके हैं जो बचे हैं वो तोड़ने की कगार पर हैं. सरकारी भवन जर्जर होने से अब बच्चों ने तो स्कूल आना ही छोड़ दिया है.

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स्कूल भवन देखकर हर कोई हो गया हैरान 

ठर ग्राम के प्रथमिक सेमरा स्कूल की भयानक तस्वीर ली गई तो इसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. स्कूल भवन की छत में एक बड़ा सुराग हो गया है. बताया जा रहा है कुछ दिन पहले छत क्षतिग्रस्त होकर गिर गई. तब से लेकर आज तक मरम्मत का काम नहीं किया गया. इस क्लास रूम में बैठकर बच्चे पढ़ते हैं. बच्चे कहते हैं क्लास रूम से उन्हें आसमान नज़र आता है.

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 कई बच्चों ने स्कूल आना किया बंद 

स्कूल भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है कई बच्चे अब स्कूल ही नहीं आ रहे. बच्चो के परिजनों का कहना है. स्कूल भेजकर हमे अपने बच्चों की जान जोखिम में थोड़ी डालनी है. स्कूल की बिल्डिंग इतनी खस्ताहाल है कि कभी भी गिर सकती है. इससे बेहतर है हमारे बच्चे स्कूल ही न जाएं.

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शिक्षा अधिकारी ने कहा कि मुझे तो...

जब इस मामले ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की है तो शिक्षा अधिकारी ने अपना तर्क देते हुए कहा विदिशा जिला पदस्थ हुए मुझे तीन महीने ही हुए हैं. अभी ये मेरे संज्ञान में नहीं है. इस तरह का मामला है तो कुछ किया जाएगा.

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