मध्य प्रदेश सरकार ने विदिशा जिले में संदीपनी हॉस्टल का निर्माण इस मकसद से कराया था, ताकि दूर-दराज से आने वाली छात्राओं को सुरक्षित और बेहतर सुविधा मिल सके. अब हकीकत कुछ और ही बन चुकी है. करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी यह हॉस्टल दम तोड़ रहा है. इसका मुद्दा विधानसभा में भी गूंज चुका है, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ है.
एनडीटीवी ने मौके पर जाकर हॉस्टल की तस्वीरें भी लीं, जो सिस्टम की पोल खोल रही हैं. विदिशा गर्ल्स कॉलेज परिसर में बना संदीपनी हॉस्टल की दीवारों में दरार आ गई है. फर्श की टाइल्स तक उखड़ गई हैं.
दीवारों में लगीं बिजली की तारें बाहर निकल आई हैं. वहीं, पिलर और दीवार का जोड़ अलग हो चुका है. इससे डर है कि कहीं हॉस्टल की इमारत भरभराकर गिर न जाए.
विधायक ने उठाया था मुद्दा
यह मामला विदिशा के विधायक मुकेश टंडन ने विधानसभा के पटल पर उठाया था. इसके बाद ही हॉस्टल के निर्माण की परतें खुलनी शुरू हो गईं.
क्या बोले कॉलेज प्राचार्य
गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल बीडी अहिरवार ने बताया कि इमारत के निर्माण घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है. हॉस्टल बनने के बाद न तो स्टाफ मिला और न ही अभी तक फर्नीचर मिला है. सिर्फ इमारत खड़ी कर देना, हॉस्टल चालू करने के लिए काफी नहीं होता.
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि साल 2022 में हॉस्टल को कॉलेज प्रशासन को हैंडओवर कर दिया था. तीन साल बाद भी आज तक हॉस्टल की इमारत जस की तस खड़ी है और खंडहर होती जा रही है.
एकमात्र लड़कियों का छात्रावास
विधायक मुकेश टंडन ने बताया कि अगर हॉस्टल शुरू होता है तो बाहर से पढ़ने आने वाली छात्राओं को बहुत सुविधा मिलेगी. विदिशा में ये एकमात्र गर्ल्स हॉस्टल है.
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