उमरिया : लापता युवक का शव मिलने पर हंगामा, थाने के बाहर शव रख किया प्रदर्शन

पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की जांच करने पर प्रथम दृष्टया एएसआई राजेन्द्र तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई. जिसके बाद एसपी निवेदिता नायडू ने एएसआई राजेन्द्र तिवारी को लाइन अटैच कर दिया.

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थाने के बाहर शव रख किया प्रदर्शन
उमरिया:

उमरिया के मानपुर में लापता युवक का शव मिलने के बाद रविवार को हंगामा हो गया. जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों का कहना है कि पुलिस ने लापता युवक को तलाशने में तेजी नहीं दिखाई, जिसके बाद अज्ञात लोगों ने उसकी हत्या कर दी. हंगामा बढ़ता देख जिले की एसपी निवेदिता नायडू ने मामले को संज्ञान में लिया. जिसके बाद अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह, एसडीएम कमलेश पुरी और टीआई संतोष उद्दे ने मृतक के परिजनों से बात की. 

लापरवाही करने वाला एएसआई हुआ लाइन अटैच

पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की जांच करने पर प्रथम दृष्टया एएसआई राजेन्द्र तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई. जिसके बाद एसपी निवेदिता नायडू ने एएसआई राजेन्द्र तिवारी को लाइन अटैच कर दिया. इसके अलावा पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया गया है. वहीं, फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी मामले की जांच में एसआईटी टीम की मदद करेंगे.

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क्या है पूरा मामला

मानपुर में 16 अगस्त से लापता चल रहे युवक अमर सोनी (35) की लाश शनिवार को मिली. जिसके बाद मर्ग पंचनामा की कार्रवाई करने के पश्चात शव को देर शाम परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. लेकिन रविवार सुबह मामले में नाटकीय मोड़ देखने मिला. एएसआई राजेन्द्र तिवारी मृतक के घर जाकर परिजनों से शव का अंतिम संस्कार जल्दी करने दबाव बनाने लगा. जिसके बाद मृतक के भाइयों को पुलिस की भूमिका पर शक हुआ. वहीं, दूसरी ओर मृतक के गांव में उसकी मौत को लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगीं. जिसके बाद पुलिस पर आक्रोशित होते हुए परिजनों ने शव को थाने के सामने रख कर धरना प्रदर्शन किया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही से अमर की मौत हुई है. वहीं आरोपियों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए.

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मामले की जानकारी उमरिया पुलिस अधीक्षक को मिलते ही उन्होंने एक्शन लिया. जिसके बाद अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह, एसडीएम कमलेश पुरी और टीआई संतोष उद्दे ने मृतक के परिजनों से बात करने के लिए भेजा गया. तो वहीं एसपी ने मामले में संदिग्ध पाए जाने वाले एएसआई राजेन्द्र तिवारी को लाइन अटैच कर पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एक एसआईटी टीम का गठन किया. जिसके बाद अधिकारियों के काफी समझाने के बाद करीब तीन घंटे के बाद आक्रोशित जन शांत हुए और शव का अंतिम संस्कार करने को परिजन राजी हुए.

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