Unique Initiative: फूल-मालाओं से दूरी, पेन-कॉपी से स्वागत... MP के पूर्व गृह मंत्री की अनोखी पहल, खूब हो रही सराहना

Bhupendra Singh Unique Initiative: मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अनोखी पहल शुरू की है, जिसकी लोगों के बीच खूब सराहना हो रही है. दरअसल, भूपेंद्र सिंह ने स्वागत के दौरान मिलने वाले गुलदस्ते से पहले दूरी बनाई. इसके बाद इन्होंने फूल माला से भी खुद को किनारा कर लिया. हालांकि अब वो गुलदस्ता और फूल माला की बजाय पेन-कॉपी से स्वागत करवा रहे हैं.

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Bhupendra Singh Unique Initiative: राजनीति में जहां फूल-मालाओं और गुलदस्तों से स्वागत आम बात मानी जाती है, वहीं सागर में भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस परंपरा से हटकर एक नई मिसाल पेश की है. उन्होंने न केवल गुलदस्तों से दूरी बनाई, बल्कि अब फूल-मालाओं से भी अपने व्यक्तिगत स्वागत को पूरी तरह मना कर दिया है. इसके बजाय वो पेन, कॉपी, किताब जैसी शैक्षणिक सामग्री या जरूरतमंदों के काम आने वाली वस्तुओं से स्वागत करवा रहे हैं.

पहले गुलदस्ता से बनाई दूरी, अब फूल माला से किया किनारा

पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि भारतीय संस्कृति में स्वागत का सही तरीका चंदन का तिलक लगाना है. फूल-मालाओं का उपयोग वे केवल भगवान, साधु-संतों या मुख्यमंत्री जैसे बड़े अतिथियों के लिए उचित मानते हैं, लेकिन अपने व्यक्तिगत कार्यक्रमों में फूल-मालाओं से स्वागत नहीं करवाएंगे.

भूपेंद्र सिंह ने कार्यकर्ताओं से की खास अपील

उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि जो राशि पहले फूल-मालाओं और गुलदस्तों पर खर्च की जाती थी, उसी पैसे से शिक्षा से जुड़ी सामग्री—जैसे कॉपी, किताब, पेंसिल, पेन या फिर गरीबों के उपयोग की वस्तुएं, जैसे सर्दी के मौसम में कंबल आदि लाए जाएं. उनके इस आग्रह को कार्यकर्ताओं ने सहर्ष स्वीकार किया.

पेन-कॉपी को जरूरतमंदों में कर रहे वितरित

भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस पहल के पहले ही दिन उनके स्वागत में करीब 50 हजार रुपये की सामग्री एकत्र हुई, जिसे उन्होंने मौके पर ही जरूरतमंद बच्चों और लोगों में वितरित कर दिया. इस अनोखे और संवेदनशील फैसले के बाद सागर सहित पूरे क्षेत्र में उनकी जमकर सराहना हो रही है.

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राजनीतिक गलियारों में भूपेंद्र सिंह की यह पहल एक सकारात्मक संदेश के रूप में देखी जा रही है, जो दिखावे की राजनीति से आगे बढ़कर समाजोपयोगी कार्यों को प्राथमिकता देने की मिसाल बन रही है.

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