भू माफिया से बचाओ...मंदसौर में किसान ने जमीन पर लोटते हुए लगाई DM से गुहार, क्या है मामला?

मंदसौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें एक परेशान किसान जमीन पर लोटते हुए कलेक्टर के दफ्तर में इंसाफ की गुहार लगा रहा है. इस बुजुर्ग किसान का नाम शंकरलाल है और उसका कहना है कि स्थानीय भू माफियाओं ने इसकी जमीन पर कब्जा कर रखा है . दूसरी तरफ डीएम दिलीप यादव का कहना है कि इस मामले में कोई भी कार्रवाई तहसीलदार, SDM या कलेक्टर कार्यालय में पेंडिंग नहीं है.

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Mandsaur News: मंदसौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें एक परेशान किसान जमीन पर लोटते हुए कलेक्टर के दफ्तर में इंसाफ की गुहार लगा रहा है. इस बुजुर्ग किसान का नाम शंकरलाल है और उसका कहना है कि स्थानीय भू माफियाओं ने इसकी जमीन पर कब्जा कर रखा है और वो 14 सालों से इंसाफ के लिए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहा है. सुनवाई नहीं हुई तो अपनी परेशानी के प्रति ध्यान आकर्षित करने के लिए उसने ये तरीका अपनाया. दूसरी तरफ डीएम दिलीप यादव का कहना है कि इस मामले में कोई भी कार्रवाई तहसीलदार, SDM या कलेक्टर कार्यालय में पेंडिंग नहीं है.फिलहाल शिकायतकर्ता का ही विवादित भूमि पर कब्जा बरकरार है. आवेदक अगर रजिस्ट्री को चैलेंज करना चाहता है तो वह सिविल कोर्ट में चलेंज कर सकता है. 
 

दरअसल 65 वर्षीय शंकर लाल पाटीदार मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील के ग्राम शास्त्री का रहने वाला है. मंगलवार को वो जनसुनवाई के लिए कलेक्टर दफ्तर पहुंचा था. यहां लोगों का ध्यान खींचने के लिए उसने दफ्तर की गली लोटते हुए इंसाफ की गुहार लगाई. उसका कहना है कि - मैं भू-माफियाओं से परेशान हूं.तहसीलदार गलती करते हैं, और किसान भुगतता है. वे गलती करते हैं, और मैं सजा भुगतता हूं.

दूसरी तरफ तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्राम सुखाड़ में क्षेत्र क्रमांक 604 में 2.5 हेक्टेयर भूमि है, और सर्वेक्षण क्रमांक 325 में 1.01 हेक्टेयर भूमि शामिल है। यह जमीन फूलचंद के बेटे शंकरलाल, अनोखीलाल, भगवान भाई और रेशम भाई के साथ ही घाटी के बाबा घासीराम, कारू लाल, रामलाल, प्रभु लाल, मांगी बाई और पार्वती बाई के संयुक्त परिवार की है। इस जमीन का आधा हिस्सा विक्रय पत्र क्रमांक 26/11 दिनांक 31 दिसंबर 2010 के अनुसार एमआईजी रोड, संजीत रोड, मंदसौर निवासी नारायण राव के पुत्र अश्विन को बेचा गया था.उक्त भूमि का नामांतरण तत्कालीन सीतामऊ तहसीलदार द्वारा 2010-11 के नामांतरण रजिस्टर में स्वीकृत किया गया था. नतीजतन, नारायण देशमुख के बेटे अश्विन का नाम भू-राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है. हालाँकि, बेची गई जमीन कारू लाल, रामलाल, प्रभु लाल, मांगी बाई और पार्वती बाई के कब्जे में है, जो इसे अश्विन को सौंपने के लिए तैयार नहीं हैं. उधर किसान का कहना है कि उसकी जमीन कलेक्टर के दफ्तर में ही काम करने वाले बाबू देशमुख ने अपने बेटे अश्विनी देशमुख के नाम पर करवा ली है, हालांकि इसका सबूत किसान नहीं दिखा पाया.

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