Minimum Support Prices News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Minister of Agriculture & Farmers' Welfare and Rural Development Shri Shivraj Singh Chouhan) ने कृषि भवन में महत्वपूर्ण बैठक कर देश में दलहन की आत्मनिर्भरता पर 8 राज्यों के मंत्रीगणों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खरीफ सीजन शुरू हो चुका है, ऐसे में राज्यों के साथ चर्चा करके प्लानिंग करने का यह उपयुक्त समय है. भारत सबसे बड़ा दलहन उत्पादक, उपभोक्ता और आयात में अग्रणी देश है. 2023-24 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, देश में दलहन 270.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करती हैं, जिसमें 907 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर उत्पादकता पर 244.93 लाख टन उत्पादन होता है. यह 2015-16 की तुलना में 50% ज्यादा है. मैं इस उपलब्धि को हासिल करने में मदद करने के लिए राज्यों के सामूहिक प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं, परंतु हम और बहुत कुछ कर सकते हैं.
राज्यों में दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम : कृषि मंत्री
शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार फसल विविधीकरण सुनिश्चित करने तथा दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुअर, उड़द और मसूर की खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है. देश इन तीनों फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और 2027 तक आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य है. तुअर, मसूर व उड़द उत्पादन में सामूहिक प्रयासों से आत्मनिर्भर बनना है. हम सब मिलकर काम करें तो 2 साल में आयात पर निर्भरता पूर्णतः खत्म कर सकते हैं. खरीफ की 3 महत्वपूर्ण दलहन फसलों- तुअर, उड़द व मूंग पर जोर देना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के लिए हमारी प्रतिबद्धता है, इसीलिए किसानों से सीधे जुड़ते हुए, नेफेड और एनसीसीएफ को किसानों से तुअर व मसूर खरीदने का अधिकार दिया गया है. केंद्र व राज्य सरकारें किसानों को खाद, बीज सहित गुणवत्तापूर्ण आदान सुनिश्चित करें.
कृषि मंत्री चौहान ने बैठक में दिये महत्वपूर्ण निर्देश
देश में दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता को देखते हुए यह बैठक बुलाई गई थी, ताकि आयात को कम किया जा सके. इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, बिहार, तेलंगाना जैसे प्रमुख दाल उत्पादक राज्यों के कृषि मंत्री मौजूद थे. शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, बिहार और तेलंगाना में मसूर के लिए परती भूमि को लक्षित करने के निर्देश दिए.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए जलवायु अनुकूल किस्मों तथा कम अवधि वाली किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता का उल्लेख किया. उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे राज्य बीज निगमों को मजबूत करके अपने बीज वितरण प्रणालियों को मजबूत करें. केंद्र सरकार, नवीनतम किस्मों के प्रचार-प्रसार के लिए मिनीकिट दे रही है. इनके माध्यम से भी दलहन उत्पादन में इजाफा करने पर राज्य ध्यान दें. गुणवत्तापूर्ण बीज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए बीज हब बनाए गए हैं. भारत सरकार तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन का 100% खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए NAFED और NCCF दोनों द्वारा अपने पोर्टल पर किसानों को पंजीकृत करने और उन्हें एमएसपी से ऊपर कीमत पर इस खरीद का आश्वासन देने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. राज्य सरकारों से अनुरोध है किसानों को इस अभियान के बारे में जागरूक करें और सुनिश्चित खरीद से लाभान्वित करें. इस महत्त्वपूर्ण बैठक में भागीदारी के लिए सभी को धन्यवाद. हम एक टीम के रूप में मिलकर काम करें और देश को दलहन में आत्मनिर्भर बनाते हुए प्रधानमन्त्री जी के नेतृत्व में समग्र कृषि परिदृष्य के सतत उत्थान हेतु संकल्पित हो.
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