Ujjain Rape Case :आरोपी के पिता ने कहा- मेरे बेटे को मिले मौत की सजा, जानिए कैसे सुलझा पूरा केस?

उज्जैन में 15 साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.एक दूसरे ऑटो ड्राइवर पर भी मामला दर्ज हुआ है जिसने बच्ची की जानकारी पुलिस को नहीं दी लेकिन सवाल है कि क्या जिन लोगों के दरवाजे तक बच्ची मदद मांगने पहुंची उनपर भी मामला दर्ज होगा.

विज्ञापन
Read Time: 17 mins

Ujjain Rape Case : उज्जैन में 15 साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने वाले शख्स को पुलिस ने अदालत में पेश कर दिया है. जहां से कोर्ट ने उसे 7 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस ने एक दूसरे ऑटो ड्राइवर (Auto Driver) पर भी मामला दर्ज किया है जिसने बच्ची की जानकारी पुलिस को नहीं दी . लेकिन सवाल है कि क्या जिन लोगों के दरवाजे तक बच्ची मदद मांगने पहुंची उनपर भी मामला दर्ज होगा.दूसरी तरफ आरोपी के पिता राजू सोनी (Raju Soni) खुद ही कह रहे हैं कि जो हुआ है वो बहुत गलत हुआ.

मेरे बेटे को इसकी सजा मिलनी चाहिए. आरोपी का पिता रोते हुए कहते हैं कि इस गुनाह के लिए मौते के सिवा और क्या सजा (Death penalty) होगी ? अगर मेरे बस में होता तो मैं ही उसको मार देता.

उधर पीड़ित की हालत अभी भी खराब है उसे इंदौर के दूसरे सरकारी अस्पताल (government hospital) में रेफर किया गया है.कई डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.  

Advertisement

500 से ज्यादा घरों,ढाबे से होकर गुजरी बच्ची

पता चला है कि बलात्कार के 2 घंटे बाद वो 500 से ज्यादा घर,ढाबे और एक टोल नाके से होकर गुजरी.यूपी की सीमा से सटे जिले में स्थित अपने मूल घर से वो स्कॉलरशिप की परीक्षा देने के लिए स्कूल गई थी. फिर उसके बाद जाने क्या हुआ वो क्षिप्रा एक्सप्रेस में बैठकर 700 किलोमीटर दूर उज्जैन पहुंच गई. देर रात उज्जैन में ट्रेन से उतरने के बाद तीन ऑटो में वो बैठी थी. इसी दौरान उसके साथ दरिंदगी हुई. इसके बाद वो सुबह छह बजे अर्धनग्रन और लहूलुहान हालत में दो घंटे तक सड़कों पर मदद की आस में भटकती रही. जांच में सामने आया कि मासूम इस दौरान 500 से ज्यादा घरों, ढाबे और एक टोल नाके से होकर गुजरी. लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.

Advertisement

पुलिस ने खंगाले 700 से ज्यादा CCTV फुटेज

पुलिस ने इस केस के आरोपियों तक पहुंचने में कड़ी मशक्कत की है.आरोपी तक पहुंचने के लिये पुलिस ने करीब सौ से ज्यादा लोगों से पूछताछ की. 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले.रेलवे स्टेशन के बाहर पूछताछ में पता चला कि आरोपी ही बच्ची को लेकर गया है, पहले उसने मना कर दिया लेकिन उसकी मोबाइल लोकेशन जीवनखेड़ी के आसपास मिली.उसके ऑटो पर अर्जुन लिखा था. इसके बाद एसआईटी ने जब सख्ती से पूछा तो आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

Advertisement
इंस्पेक्टर अजय वर्मा के मुताबिक साइबर सेल के 30-35 लोगों को भी काम पर लगाया गया था. 3-4 दिनों तक कोई सोया नहीं. जब हम घटना स्थल पर आरोपी को ले जा रहे थे तब उसने भागने की कोशिश की. लेकिन इसी दौरान वो जीवनखेड़ी के पास सीमेंटेड रोड से टकरा गया औऱ घायल हो गया.

अब आरोपी के खिलाफ हिरासत से भागने का मामला भी दर्ज होगा. पुलिस ने एक और ऑटो ड्राइवर राकेश मालवीय पर मामला दर्ज किया है क्योंकि उसके ऑटो में भी पीड़ित बैठी थी लेकिन उसने घटना की जानकारी नहीं दी..लेकिन सवाल है जिन 500 घरों के सामने से वो गुजरी जिन लोगों से मदद मांगी क्या उनपर भी मामला दर्ज होगा. पॉक्सो एक्ट की धारा 21 साफ कहती है - जो इस तरह के अपराध के होने की रिपोर्ट या दर्ज करने में विफल रहता है, उसे 6 महीने से 1 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा.  

ये भी पढ़ें: उज्जैन: पीड़ित बच्ची को गोद लेने की पेशकश करने वाले इंस्पेक्टर ने कहा-उसकी चीखों ने मुझे झकझोर दिया