उज्जैन : नगर - निगम के कामों के ठेके लेने को नहीं है कोई तैयार, तीन साल से नहीं हुआ भुगतान

नगर निगम के कामों का ठेका लेने को कोई तैयार नहीं हो रहा है. इससे शहर के मूलभूत काम नहीं हो पा रहे हैं. शहर के महापौर ने इस बात को अफवाह बताया लेकिन शहर की हालत सबकुछ खुद ही बयां कर रही है.

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उज्जैन नगर निगम
उज्जैन:

उज्जैन नगर निगम का टेंडर लेने के लिए कोई तैयार नहीं हैं क्योंकि विपक्ष के अनुसार पिछले तीन साल से भुगतान ही नहीं हो रहा है. उज्जैन शहर में कई सड़कें उखड़ी - टूटी पड़ी हैं,  तो कई नदी नाले भी सरकार की उपेक्षा के शिकार दिख रहे हैं. उज्जैन नगर निगम में विकास कार्य होगा भी कहां से जब नगर निगम के काम का टेंडर ही कोई नहीं ले रहा है. बताया जा रहा है कि ठेकेदारों का पिछले तीन साल से भुगतान ही नहीं हो पाया है. पार्षद और कांग्रेस के नेता रवि रॉय इसके  लिए भाजपा को जिम्मेदार मान रहे हैं. उन्होंने बताया कि नगर निगम में 130 ठेकेदार पंजीकृत हैं लेकिन 2021 से ठेकेदारों का करीब 58 करोड़ रूपया बाकी है. भुगतान नहीं होने के कारण कोई भी ठेकेदार नगर निगम का टेंडर लेने को तैयार नहीं है.

तीन बार रिकॉल हुआ फिर भी किसी ने नहीं लिया

ठेकेदारों ने नगर निगम के टेंडर से इस कदर मुंह मोड़ा है कि तीन - तीन बार रिकॉल होने के बावजूद कोई ठेकेदार टेंडर ही नहीं ले रहा है. इसका खामियाजा इस शहर की जनता को भुगतना पड़ रहा है. शहर में विकास का कोई नया काम तो होना दूर है शहर के लोगों को मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पा रही हैं. हमारे संवाददाता को कांग्रेस के कुछ और नेताओं ने भी भुगतान नहीं होने के की बात कही.

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शहर महापौर ने इसे अफवाह बताया

वहीं इस बारे में शहर के महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि उनके कार्यकाल से पहले ठेकेदारों का 133 करोड़ बकाया था, ये राशि कोरोना के समय की है उस समय के बोर्ड ने भुगतान नहीं किया था, जो कि उनके द्वारा किया जा रहा है जिसमें से अब सिर्फ 58 करोड़ रूपए ही बकाया रह गए हैं. इनको भी जल्दी ही दे दिया जायेगा. उन्होंने बिना टेंडर के काम होना या काम के लिए टेंडर ना दिया जाने वाली बात को केवन अफवाह बताया. 

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ठेकेदारों का बिल पिछले तीन साल से है बकाया

इस बारे में बिल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष निलेश अग्रवाल ने बताया कि 130 में से अधिकतर ठेकेदारों का बिल पिछले तीन साल से बकाया है. शहर के महापौर और कांग्रेस के नेताओं का कहना अलग -अलग है. दोनों एक दूसरे के विपरित बात कर रहे हैं लेकिन शहर की हालत बता रही है कि शहर में कोई काम नहीं हो रहा है और पूरा भुगतान नहीं होने की बात को शहर महापौर भी कबूल रहे हैं वो जिस बोर्ड की बात कर रहे हैं वो बोर्ड भी भाजपा का ही था जिसने ठेकेदारों का अब तक भुगतान नहीं किया है.

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