क्या महाकाल के प्रसाद के डिब्बों पर नहीं छपेगी मंदिर की फोटो ? जानिए कोर्ट में क्यों उठा ये मामला 

Ujjain MP Latest News Today in Hindi : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) के महाकाल मंदिर (Baba Mahakal) से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है. महाकाल मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर से जल्द ही मंदिर का फोटो हट सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
क्या महाकाल के प्रसाद के डिब्बों पर नहीं छपेगी मंदिर की फोटो ? जानिए कोर्ट में क्यों उठा ये मामला 

Baba Mahakal Prasad : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) के महाकाल मंदिर (Baba Mahakal) से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है. महाकाल मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर से जल्द ही मंदिर का फोटो हट सकता है. दरअसल, इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) में मामले को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि महाकाल मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर मंदिर की फोटो छपी होती है. ऐसे में लोग प्रसाद को ग्रहण करने के बाद डब्बे को कचरे में फेंक देते हैं. इसी संबंध में धर्म के अपमान को लेकर लगी याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. आदेश के मुताबिक, मंदिर प्रबंध समिती को तीन महीने के अंदर इसका समाधान ढूंढना हैं. आइए आपको पूरा मामला विस्तार से बताते हैं: 

जानिए पूरा मामला 

दरअसल, हंत सुखदेवा नंद ब्रह्मचारी,श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़ा, इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्र गुरु श्री दुर्गाशक्ति पीठ, महू ने महाकाल के लड्डू प्रसाद पैकेट पर महाकाल मंदिर ओम्कारेश्वर मंदिर और ॐ छापने पर इंदौर हाईकोर्ट में 19 अप्रेल को याचिका लगाई थी.मामले में 24 अप्रैल को हाइकोर्ट में डबल बेंच ने सुनवाई की. कोर्ट ने याचिका को सही मानते हुए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को तीन महीने के अंदर इसका हल निकालने के आदेश दिए हैं.  

Advertisement
वकील अभीष्ट मिश्र ने कहा कि हमने कोर्ट को बताया कि प्रसाद को बांटने का काम मंदिर प्रबंध समिति करती है. प्रसाद लेने के बाद लोग उस डब्बे को कचरे में फेंक देते हैं. इससे सनातन धर्म का अपमान हो रहा है. अयोध्या में भी लाखों डिब्बे भेजे थे जो बाद में कूड़े दान में फेंके गए. यह भी बताया कि वैष्णो देवी और गोल्डन टेम्पल अमृतसर का प्रसाद में कोई भी चित्र नहीं रहता है. मंदिर अधिनियम में भी कहीं नहीं लिखा है कि डब्बे कैसे रिसाइकिल किए जाएंगे? 

कचरे में मंदिर छपे डिब्बे फेंके जाने को लेकर इंदौर हाई कोर्ट में मामला दर्ज

PM मोदी को भी की गई शिकायत 

वकील मिश्र ने बताया कि भक्त प्रसादी पैकेट का इस्तेमाल करने के बाद फेंक देते है. मंदिर के फोटो छपे डब्बे कचरे के ढेर में मिलने से सनातन धर्म का अपमान होता है. इसी को लेकर हमने दो बार मंदिर समिति को आवेदन दिया. नहीं सुनने पर संत मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिले. लेकिन इसके बाद भी समाधान नहीं निकल पाया. ऐसे में हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसकी शिकायत की थी जो PMO कार्यालय से CM हेल्प लाइन तक पहुंची. जहां कहा गया कि मंदिर समिति में बात हो गई है. इसका समाधान जल्द हो जाएगा. पर कुछ नहीं हुआ तब मजबूरन कोर्ट जाना पड़ा. याचिकाकर्ता ने मंदिर समिति की तरफ से अब भी उचित कदम नहीं उठाने पर पुनः कोर्ट जाने का कहा है. 

Advertisement

विदेशों तक महाकाल के लड्डू प्रसाद की डिमांड 

बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर का लड्डू प्रसाद (शुद्ध घी और बेसन से बनाकर भिजवाया जाता है. सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भक्त प्रसाद को लेकर जाते हैं. मंदिर समिति रोज़ करीब 50 किवंटल (5000 KG) लड्डू बनवाकर 100, 200 , 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में पैक करती है. लड्डू प्रसाद 400 रुपए किलो में मिलता है. मंदिर समिति प्रति माह 12 हजार लड्डू प्रसादी पैकेट प्रिंट करवाती है. हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद मंदिर समिति को तीन महीने में इसका हल निकालने की बात कही है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें : 

पैर फिसलने से नदी में डूबा किशोर, बचाने के लिए कूद पड़ी दो महिलाएं... पल भर में तीनों की हुई मौत

MP में धड़ल्ले से क्यों काटे जा रहे 'बाओबाब' ? 10 लाख में बिकने वाले एक पेड़ की जानिए कहानी


 

Topics mentioned in this article